संविधान दिवस का इतिहास
26 नवंबर को भारत की संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया, जो 1950 से लागू हुआ. 19 नवंबर, 2015 को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने नागरिकों के बीच संविधान मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा हर साल 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाने के निर्णय को अधिसूचित किया.संविधान दिवस का महत्व
डॉ. बी आर अम्बेडकर एक प्रसिद्ध समाज सुधारक, राजनीतिज्ञ, और न्यायविद थे और उन्हें भारतीय संविधान का जनक भी कहा जाता है. उन्हें 29 अगस्त, 1947 को संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था.
वह भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने वाले व्यक्ति थे और वर्ष 2015 में अंबेडकर की 125 वीं जयंती थी. भारत के संविधान दिवस का उद्देश्य भारतीय संविधान और इसके वास्तुकार डॉ. बी आर अम्बेडकर के महत्व के बारे में जागरूकता लाना है. इस दिन के बारे में घोषणा 11 अक्टूबर, 2015 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मुंबई में स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी की आधारशिला रखते हुए की गई थी.भारत का संविधान क्या है ?
संविधान भारत सरकार के लिखित सिद्धांतों और उदाहरणों का एक समूह है जो मूलभूत राजनीतिक सिद्धांतों, प्रक्रियाओं, अधिकारों, निर्देश सिद्धांतों, प्रतिबंधों और सरकार और देश के नागरिकों के कर्तव्यों को पूरा करता है. यह भारत को एक संप्रभु, धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी और लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करता है और अपने नागरिकों की समानता, स्वतंत्रता और न्याय का आश्वासन देता है.