Published On : Tue, Jul 19th, 2022
By Nagpur Today Nagpur News

ठेकेदारों ने सड़कों के नीचे ड्रेनेज लाइन गायब करने से शहर जलमग्न

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नागपुर : शहर की सभी प्रमुख सड़कें सीमेंट से बनी हैं. सीमेंट की सड़कों के निर्माण से पहले, कई सड़कों के नीचे जल निकासी लाइनें थीं। सीमेंट की सड़कों के निर्माण के दौरान ड्रेनेज लाइन को बुझा दिया गया। सीमेंट की सड़कों के किनारे केवल एक से दो फीट गहरी नई जल निकासी लाइनें बनाई गईं।

दिलचस्प बात यह है कि ठेकेदारों ने पैसे बचाने के लिए सड़कों के नीचे नई ड्रेनेज लाइन नहीं बनाई,उन्होंने सड़क के किनारे मौजूदा ड्रेनेज लाइनों को गहरा करने से भी परहेज किया। मनपा के अधिकारियों ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया। इस जमा होने के साथ ही साथ मनपा प्रशासन की लापरवाही नजर आ रही है।

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शहर में वर्ष 2011 से सीमेंट सड़कों का जाल बिछाने का काम की शुरुआत हुई। पहले चरण में 100 करोड़, दूसरे चरण में 300 करोड़ और तीसरे चरण में भी 300 करोड़ सीमेंट सड़कें का निर्माण कार्य शुरू हैं। पहले चरण में कुछ सड़कों को अभी तक सीमेंटीकरण नहीं किया गया है। यही हाल दूसरे चरण का है,दूसरे चरण में स्थानीय ठेकेदारों को मौका देने के चक्कर में मेसर्स ग़ुरबक्षाणी ने तो बड़ा आर्थिक घोटाला किया,JV पार्टनर था और खुद के खाते में JV का सम्पूर्ण पैसा वित्त और लोककर्म विभाग के अधिकारियों के मदद से ट्रांसफर करवा लिया।इसकी शिकायत मनपा आयुक्त और लोकायुक्त से की गई,साथ ही में पीएमओ में भी की गई,लेकिन आयुक्त ने इस मामले में ठेकेदार सह मनपा के सम्बंधित अधिकारियों को बचा कर अपने कार्यशैली से अवगत करवा दिया। तीसरे चरण में 39 सड़कों को सीमेंट रोड में बदला जाने का काम शुरू हैं.

अभी यह स्पष्ट नहीं है कि पहले चरण में कितनी सड़कों का निर्माण हुआ। गत दिनों केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ बैठक में विधायक प्रवीण दटके ने कहा कि पहले चरण का सड़क कार्य भी अधूरा है. इससे ग्यारह साल में सात सौ करोड़ सड़कों में से कितनी सड़कें बनीं, इसका लेखा-जोखा मनपा प्रशासन के पास कागजों तक सिमित हैं.

सीमेंट की सड़कों के निर्माण से पहले शहर की कई सड़कों के नीचे जल निकासी की लाइनें थीं। सड़क के एक तरफ जल निकासी लाइन बाधित होने पर दूसरी तरफ सीवेज लाइन में पानी के प्रवाह को मोड़ने के लिए सड़कों के नीचे जल निकासी लाइनें महत्वपूर्ण थीं। एक अधिकारी ने बताया कि इसलिए बारिश का पानी सड़कों पर जमा होने के बजाय सीधे निकल जाया करता था.

शहर में सीमेंट रोड के ठेकेदारों ने मनमाने ढंग से सड़क के नीचे ड्रेनेज लाइन की बलि दे दी। भविष्य में होने वाली संकट को दरकिनार कर सीधी सीमेंट सड़कों का निर्माण किया गया। सीमेंट की सड़कों के किनारे डेढ़ से दो फीट गहरी जल निकासी लाइनें बनाई गईं। भारी बारिश की स्थिति में इसकी भी पोल खुल गई.

सीमेंट की सड़कें ठेकेदारों पर निगरानी रखना मनपा के अधिकारियों की जिम्मेदारी थी। लेकिन अधीक्षक अभियंता मनोज तालेवार जैसे अधिकारियों के कारण उन्होंने भी इसकी अनदेखी की और ठेकेदारों को मदद करते हुए निकासी लाइन को गायब कर दिया। नतीजा यह है कि इस साल ही नहीं हर साल शहर में पानी जमा हो रहा है और कई सड़कों पर पानी भर रहा है.

उल्लेखनीय यह है कि मेडिकल चौक में ऐसी ही धांधली की गई, मेडिकल व वंजारीनगर से पानी लाने के लिए ड्रेनेज लाइन थी। अन्य नालों को मेडिकल चौक से जोड़ने के कारण मेडिकल का सारा पानी बाहर निकल रहा था।
अब यह नाला बंद हो गया है। इससे मेडिकल में भारी मात्रा में पानी जमा हो रहा है। रामदासपेठ सेंट्रल बाजार रोड पर क्रिम्स अस्पताल तक ड्रेनेज लाइन है। अब ड्रेनेज लाइन नहीं है। इसलिए भारी बारिश के बाद सेंट्रल बाजार रोड स्मार्ट पार्किंग क्षेत्र में पानी जमा हो रहा है.

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