Published On : Wed, Jul 8th, 2020

व्यापार पर कोरोना की मार

Advertisement

– रक्षाबंधन, दशहरा, दीवाली जैसे बड़े त्योहारों के लिए सौदे अप्रैल से ही होने लगते थे लेकिन लॉकडाउन ने बाधा डालने से समस्या सर चढ़ कर बोल रही

नागपुर : कारोबार को करीब 3 महीने तक चौपट रखने वाले कोरोनावायरस की मार इस साल त्योहारी कारोबार पर भी पड़ सकती है। रक्षाबंधन, दशहरा, दीवाली जैसे बड़े त्योहारों के लिए सौदे अप्रैल से ही होने लगते हैं। लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण सौदे नहीं हो पाए। कोरोनावायरस के बढ़ते मामले और आर्थिक मंदी के बीच कमजोर बिक्री के खटके से कारोबारी अब सौदे करने के बहुत इच्छुक भी नहीं दिखते। इस बार त्योहार पर चीनी माल की किल्लत रह सकती है और उनका कारोबार भी मंदा हो सकती है।

Gold Rate
Monday 31March 2025
Gold 24 KT 90,500 /-
Gold 22 KT 84,200 /-
Silver / Kg 101,500 /-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

चीन से त्योहारों के लिए राखी, उपहार, भगवान की मूर्तियों, लड़ी, झालर, दिये से लेकर कटलरी सामान, गुब्बारे तक बहुत कुछ आयात किया जाता है। व्यापारियों के अनुसार देश में त्योहारों पर 6 से 8 लाख करोड़ रुपये तक का कारोबार होता है, जिसमें चीनी सामान की हिस्सेदारी कम से कम 15-20 हजार करोड़ रुपये है। इसमें 5-6 हजार करोड़ रुपये लाइटिंग और सजावटी सामान, 3-3.5 हजार करोड़ रुपये होली के सामान, 2-2.5 हजार करोड़ रुपये मूर्तियों और 1000-1,200 करोड़ रुपये राखी के कारोबार में मिलते हैं। मगर इस बार तस्वीर कुछ और ही है।

कोरोनावायरस और सीमा पर तनाव की सबसे ज्यादा चोट दिल्ली के कारोबारियों को झेलनी पड़ सकती है क्योंकि यहां के बाजारों से देश भर में त्योहारी माल की आपूर्ति की जाती है।

स्थानीय राखी के व्यापारियों ने बताया कि रक्षाबंधन ३ अगस्त को है मगर तैयारी अप्रैल से शुरू हो जाती है और जून तक काफी सौदे हो जाते हैं। मगर इस बार लॉकडाउन के कारण तैयारी ही शुरू नहीं हुई। बाजार खोलने का दिया गया समय व्यापार के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता हैं.
एक अन्य व्यापारी ने बताया कि जून में चीन से लाइटिंग का सामान आना शुरू हो जाता था मगर इस बार सौदे ही नहीं हो पाए तो सामान कहां से आए। हालांकि लॉकडाउन खुलने के बाद उन्हें सौदे होने की उम्मीद है मगर आम जनता की तंग हालत देखकर कारोबारी ज्यादा सामान मंगाने से डर रहे हैं क्योंकि बिक्री नहीं हुई तो घाटा उठाना पड़ेगा।

उल्लेखनीय यह हैं कि त्योहारी कारोबार पर वायरस की मार निश्चित लग रही है। उन्होंने कहा कि चीनी राखी, लाइटिंग उपकरण, मूर्तियों और दिये जैसे सामान का कारोबार इस साल काफी घट सकता है। सीमा पर टकराव के कारण कैट ने चीनी सामान का बहिष्कार भी शुरू कर दिया है। हर साल चीन से 5 लाख करोड़ रुपये का सामान आयात होता है, जिसमें वह कम से कम 1 लाख करोड़ रुपये की कमी लाना चाहते हैं। कोरोनावायरस की मार के साथ ही कारोबारियों का पिछला भुगतान अटकने का असर भी कारोबार पर पड़ेगा। बकाया अटकने का असर राखी के कारोबार पर भी पड़ेगा।

Advertisement
Advertisement