Published On : Fri, Apr 7th, 2017

क्या अनुशासित नहीं है नगरसेवक वर्ग !

NMC Nagpur
नागपुर:
मनपा चुनाव में जनमत पानेवाली भाजपा इन दिनों अपने निर्वाचित नगर सेवकों के पब्लिक रिलेशन का सोशल ऑडिट करने में लगी हुई है।

दरअसल चुनकर आये नगरसेवकों की पक्ष और क्षेत्र और शहर विकास मामले में नज़र अंदाजू से पार्टी नेतृत्व काफी चिंतित है। इस गंभीर समस्या से उबरने के लिए चिंतन-मनन का दौर शुरू हो चुका है। इसके लिए पार्टी डैमेज कंट्रोल पॉलिसी के तहत जल्द ही विजेता सारे १५१ नगर सेवकों की कार्यशाला आयोजित करने की योजना बना रही है।

असल में पार्टी और जनता की यही चाहत होती है कि उनका नगरसेवक उनके संपर्क में रहे और समस्याओं को हल करने के लिए तत्पर रहे। बीते हफ़्ते मनपा जोन सभापति चुनाव के दौरान अशीनगर ज़ोन के चुनाव में कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार मैदान में उतारा। चुनाव के दिन एक कांग्रेसी नगरसेवक अनुपस्थित था,तो उम्मीदवार सहित शेष सभी कांग्रेसी नगरसेवकों ने भाजपा उम्मीदवार का साथ देते हुए उनके उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया। वहीं भाजपा के स्थापना दिवस पर आयोजित में ३ दर्जन से अधिक नगरसेवकों की अनुपस्थिति से भी पार्टी आला कमान चिंतित है। जबकि सभी नगरसेवकों को कार्यक्रम में उपस्थित रहने हेतु आमंत्रित किया गया था।

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इसी तरह गुरुवार को सिविल लाइंस में घन कचरा प्रबंधन पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय परिषद् की कार्यशाला में भी नागरसेवकों को आमंत्रित किया गया था। लेकिन यहां भी उंगलियों में गिनने योग्य ही नगर सेवक पहुँचे। यह कार्यशाला प्रशासन ने मनपा व जनता के बीच सेतु तैयार करने के लिए रखी थी।

शुक्रवार से दो दिवसीय स्मार्ट सिटी समिट वर्धा रोड के एक फ़ाइव स्टार होटल में शरू हुआ है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हुई है कि यहां नगरसेवकों की हाज़िरी का प्रमाण कितना रह पाता है। दरअसल लोकसभा चुनाव २०१९ की तैयारियों के तौर पर पार्टी नागरसेवकों का जन संपर्क तगड़ा बनाना चाहती है। इसके लिए जन हित के कार्यों के माध्यम से एक बेहतर इमेज तैयार करना भी मुख्य लक्ष्य है। देखना दिलचस्प होगा कि दो दिन की कार्यशाला में नगर सेवक कितनी मौजूदगी गर्शाते हैं।

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