महिला से बदसलूकी के आरोप में हुई थी रिपोर्ट
नागपुर: कांचुरवाही के सरपंच शैलेश महादेव राऊत को जिला न्यायालय से राहत मिल गई है। तदर्थ सत्र न्यायाधीश वी.एम. वैद्य ने शैलेश राऊत को गिरफ्तारी पूर्व जमानत प्रदान कर दी है। सरपंच को एक महिला से शारीरिक संबंध की मांग करने का आरोप लगाया गया था। रामटेक पुलिस थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई गई थी। इस पर रामटेक पुलिस ने भादांवि की धारा 354, 354 अ व 354 ड के अंर्तगत एफआईआर दर्ज की थी। गिरफ्तारी से बचने के लिए सरपंच ने नागपुर जिला न्यायालय की शरण ली थी।
आरोपी के अधिवक्ता रफीक अकबानी व अधिवक्ता अतुल मोदी ने न्यायालय को बताया कि शैलेश ने अपने साथ शिकायतकर्ता के पति विष्णु बावनकुुले व उनके भांजे द्वारा मारपीट की रिपोर्ट रामटेक पुलिस थाने में की थी। इसका प्रतिशोध लेने के लिए विष्णु ने सरपंच शैलेश राऊत को फंसाने के लिए अपनी पत्नी से उसके साथ बदसलूकी की शिकायत दर्ज कराई है। शासकीय अधिवक्ता ने इसका विरोध किया और कहा कि अभी गवाहों के बयान दर्ज होने हैं।
यदि सरपंच को छोड़ा जाता है तो कांचुरवाही में बवाल हो सकता है। साथ ही जांच अधिकारी का कहना था कि यदि गिरफ्तारी पूव्र जमानत दी गई तो शैलेश अपने प्रभाव का प्रयोग कर साक्ष्य को खुर्दबुर्द कर सकता है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने पाया कि कुछ शर्तों के साथ आवेदक को गिरफ्तारी पूर्व जमानत दी जा सकती है। अदालत ने सरपंच शैलेश को 25 हजार रुपए के निजी मुचलके तथा इतनी ही राशि की जमानत पर छोड़ने तथा जब भी पुलिस बुलाए सहयोग करने तथा थाने में उपस्थित रहने की शर्त पर गिरफ्तारी पूर्व जमानत पर छोड़ने के आदेश दिए।