Published On : Mon, Apr 11th, 2022
By Nagpur Today Nagpur News

कोयला लाईसेंस धारकों की सांठगांठ से सरकार को करोडों रुपये की चपत

– अधिकारी पगार तो सरकार से लेते परंतु काम माफिया- तस्करों के पक्ष में करते है

नागपूर – कोल इंडिया लिमिटेड की अनुसांगिक वेस्टर्न कोल फिल्ड्स लिमिटेड (वेकोलि)कोयला खदानों की कोल स्टाक यार्डों हर दिन दर्जनों ट्रक-ट्रैक्टर व पिकअप में भरकर अवैध कोयला की तस्करी और स्मगलिंग चरम पर है.नतीजतन लोडेड वाहनों पर वेकोलि के प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस नहीं करते कार्रवाई?

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बताया जाता है कि वेकोलि मुख्यालय की तरफ से अनेक लोगों को कोयला के लाइसेंस आवंटित किये गये थे ?

आरोप के मुताबिक लाइसेंस की आड़ में अनेक ट्रकों और टिप्परों से कोयला का निरंतर तस्करी और स्मगलिंग चरम पर है ?

वेकोलि के सुरक्षा अधिकारियों की तरफ से जांच पड़ताल की जाती है तो लाइसेंस दिखाकर उलट और धमकियां देते हुए उन्हे अपमानित करते देखा और पकड़ा जा सकता है l इतना ही नही कई लोगों के पास फर्जी लाइसेंस बना रखें है ? इसके माध्यम से सुरक्षा कर्मियों को निलंबित करने की धमकियां देते हुए उन्हे अपमानित और धमकाया जाता है ? बोगस लाईसेंस धारकों में कुछ सेवानिवृत्त वेकोलि प्रबंधन कर्मियों का भी समावेश है?

वेकोलि के मुख्य प्रबंध निदेशक(CMD) और क्षेत्रीय महाप्रबंधक चाहे लाख दावा कर ले, लेकिन कोयले की अवैध परिवहन थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसका उदाहरण बल्लारपुर वणी एरिया,वणी नार्थ, चंद्रपुर एरिया, महाकाली एरिया, सास्ती, घुग्गुस, राजुरा और उमरेड एरिया, सावनेर तथा छिंदवाडा जिले की पेंच एरिया व कन्हान एरिया की खदानो की स्टाक यार्डों से धडल्ले से कोयला की कालाबाज़ारी शुरु है l वेकोलि की बैतूल जिले की पाथरखेड़ा कोयला खदान में सुरक्षा अधिकारियों की देखरेख में अवैध उत्खनन और तस्करी जोरों पर जारी हैl
उसी प्रकार साऊथ इस्टर्न कोल फिल्ड्स लिमिटेड विलासपुर छत्तीसगढ की कोयला यार्डों में जेसीबी व लोडर के माध्यम से ट्रक टिप्परों में भर भरकर कोयला की कालाबाज़ारी हो रही हैl

SECL की चिरमिटी कोयला खदान से उत्पादित 20% कोयला की कालाबाज़ारी से करोडों की हेराफेरी हो रही है. इसी तरह उड़ीसा स्थित महानदी कोलफिल्ड्स लिमिटेड की गेबरा,आवारी और कुसुमुण्डा कोयला खदान यार्डों से भारी मात्रा में यह गोरखधंधा शुरु है. इतना ही नही झारखंड की राजपुर क्षेत्र के लोधीडांड़ व धाजागीर में कोयला कालाबाज़ारी शबाब पर हैं.

प्रतिदिन दर्जनों ट्रक, ट्रैक्टर व पिकअप में अवैध कोयला लोड कर फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से सीधे डिपो व ईंट-भट्टों में पहुंचाया जा रहा है। प्रशासन को जानकारी होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। कोल तस्कर बेधड़क अवैध कोयला निकाल कर सीधे डिपो व भट्टों में भेज रहे हैं।

राजस्व विभाग को लाखों रुपए का नुकसान पहुंचाया जा रहा है। कोयला के अवैध कारोबार (illegal Coal Business) में कुछ रसूखदारों के भी नाम सामने आ रहे हैं। कोयला का अवैध कारोबार वर्षों से संचालित है।

इसकी जानकारी राजस्व व माइनिंग विभाग को भी है, लेकिन इस पर रोक लगाने सार्थक पहल नहीं की गई। कार्रवाई के नाम पर कभी-कभी गरीब तबके के साइकिल सवार ग्रामीणों से कोयले को जब्त कर लिया जाता है।

कोयला का अवैध उत्खन अधिकांश पहाड़ी कोरवा, पंडो जनजाति एवं आदिवासी युवाओं से अवैध खनन कराया जाता है। कोयला तस्करों की माइनिंग एवं राजस्व विभाग में मजबूत पैठ है इसलिए इनका अवैध कारोबार कभी प्रभावित नहीं होता।

इलाके के ग्रामीणों ने बताया कि कोयला के अवैध उत्खनन के बारे में माइनिंग, राजस्व विभाग सहित संभाग के उच्चाधिकारियों को भी मालूम है।

पूर्व में कई बार शिकायत की गई लेकिन उच्चधिकारियों द्वारा मामले में गंभीरता नही दिखाने से अवैध कारोबार पर लगाम नहीं लग पा रही है। इसी कारण कोल तस्कर सक्रिय होकर अवैध कार्य को अंजाम दे रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार लोधीडांड़ व धाजागीर में अवैध कोयला खनन में लगे श्रमिकों ने बताया कि उन्हें खदान से कोयला खोदकर एक ट्रक कोयला लोड़ करने का 30 से 35 हजार रुपए, 407 वाहन में कोयला लोड करने का 8 से व 10 हजार, एक पिकअप व ट्रैक्टर में 4 से 5 हजार रुपए ही मिलता है। जबकि यही कोयला बाजार में एक ट्रक 80 से 90 हजार रुपए में बिकता है।

दिखाबे के लिए जांच व कार्रवाई
हालकि संबंधित अधिकारियों द्वारा दिखाने के लिए कोयले का अवैध खनन और स्मगलिंग करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी का मात्र अश्वासन दिया जाता है कि जल्द मौके पर जांच कर कार्रवाई कर।

जो काम खनिज और पुलिस विभाग को करना चाहिए उसे गत दिनों गांव के लोग, UP के 3 ट्रकों को पकड़ा था जो काम खनिज और पुलिस विभाग को करना चाहिए उसे गांव के लोग ने, UP के 3 ट्रकों को पकड़ा थाl

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