नागपुर: “महिंद्रा ब्लूमड़ेल” जो महिंद्रा लाइफस्पेसेस की नागपुर स्थित एक आलिशान टाउनशिप है, एक बार फिर से चर्चा में हैं. लेकिन इस बार गलत कारणों से. खरीददार एवं उपभोक्ता शिकायत कर रहें है की, उन्हें सौंपे गए फ्लैट्स का निर्माण स्तर काफी घटिया है. दीवारों पर बड़े बड़े गड्ढे और क्रैक्स पाए गए हैं, तो पानी का रिसाव और लौ क्वालिटी रेलिंग तथा लो ग्रेड कॉन्क्रीट के उपयोग का भी मसला है. और अब तो ये हाल है की, मालिक और कॉन्ट्रैक्टर के बिच मनमुटाव के कारण आगे का काम भी रोक दिया गया है.
ज्यादातर ग्राहक ऐसे घटिया फ्लैट्स सौंपे जाने के कारण खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहें हैं. ऐसेही एक खरीददार राहुल भांगड़िया, जिनके बंद पड़े डुप्लेक्स फ्लैट में कई क्रैक्स और दरवाजे के पीछे कई छेद पाए गए. उनका कहना है की, निर्माण का स्तर और आयु लंबी हो इसलिए हमने महिंद्रा पर अंधा विश्वास जताते हुए, उस समय बाजारभाव से ज्यादा कीमत अदा की थी. लेकिन हमारी जिंदगी को नरक बन गयी है, और महिंद्रा ब्रांड पर रखे विश्वास को भी चकनाचूर हो गया है.
दरअसल, मुंबई के राहुल भांगड़िया ने नागपुर में बसने के इरादे से 2012 में “महिंद्रा ब्लूमडेल” में एक डुप्लेक्स बुक किया. इस आशा में की, उन्हें बेहतरीन क्वालिटी का निर्माण मिलेगा. भांगड़िया को जनवरी 2016 में फ्लैट सौंपा गया. तबसे वो खाली पड़ा था. अभी हाल ही में, जब वो अपना डुप्लेक्स चेक करने पहुंचे, तो उन्हें दीवारों पर डैमेज के साथ ही क्रैक्स और छेद भी दिखाई दिए.
भांगड़िया ने नागपुर टुडे को बताया की, जब एक खाली घर सिर्फ एक-डेढ़ साल में इस हालत में है, तो फिर कैसे कोई ये कैसे मानले की यही घर 30 से 40 साल टिक पायेगा. उन्होंने इस मामले की शिकायत प्रोजेक्ट इंचार्ज अनुज द्विवेदी को की, तो उन्होंने मरम्मत का आश्वासन दिया. लेकिन भांगड़िया के मुताबिक केवल मरम्मत करना इसका समाधान नहीं है. वों कहते हैं, अगर 3 साल बाद मुझे फिर से मरम्मत करवाने की नौबत आयी, तो क्या होगा ? इसीसे साफ़ हो जाता है की, निर्माण में किस कदर घटिया मटेरियल का इस्तेमाल हुआ है.
और सिर्फ भांगड़िया ही नहीं, अन्य फ्लैट-मालिकों को भी ऐसीही शिकायतें हैं. महिंद्रा ब्लूमडेल में यह प्रॉपर्टी खरीदते वक्त किसीने सपने में भी नहीं सोचा होगा उन्हें ऐसे फ्लैट्स मिलेंगे. लेकिन अब यह हाल की उन्हें दीवारों पर क्रैक्स देखने पड़ रहें है. एक ग्राहक ने तो साफ़ कहा की, हमें नहीं लगता,की हम इन घरों में सुरक्षित रह सकते हैं.
Dear @anandmahindra @AArjundas 1 yr old construction in Bloomdale Nagpur in a closed house.
As per last info..there was no earthquake there. pic.twitter.com/0ZFAJF0w1s— Rahul Bhangadia (@aarembee) June 8, 2017
इस दौरान भांगड़िया ने इस बात का ट्वीटर पर भी जिक्र किया. उन्होंने क्रैक्स को दर्शाती अपने घर की एक तस्वीर पोस्ट करते हुए आनंद महिंद्रा और ए. अर्जुनदास को लिखा की, यह देखिये, महिंद्रा ब्लूमडेल नागपुर में 1 साल पुराना बंद घर. पिछली जानकारी के मुताबिक यहाँ कोई भूकंप नहीं हुआ था. आगे उन्होंने एक विडियो भी पोस्ट किया और लिखा, आनंद महिंद्रा सर ये वीडियो भी देख लीजिए. शायद फोटो उतना अच्छा नहीं था.
जब नागपुर टुडे ने प्रोजेक्ट मैनेजर अनुज द्विवेदी को फ़ोन लगाया, तो उन्होंने कोई भी सफाई देने से मन कर दिया, और कहा की मिडिया के मामले कॉर्पोरेट हैंडल करता है. इसके साथ ही हमें उचित व्यक्ति का नंबर देने का वायदा भी किया.
Sir @anandmahindra …. a small video of the same…maybe the photo was not good enuf. pic.twitter.com/geXLjNLdOt
— Rahul Bhangadia (@aarembee) June 9, 2017
बाद में हमें कपिल कुलकर्णी का फ़ोन आया जो की, ऐड-फैक्टर्स का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो महिंद्रा लाइफस्पेसेस की पी.आर. एजेंसी भी है. उन्होंने हमें कंपनी का ऑफिशियल स्टेटमेंट मेल किया. जिसमे अधिकृत संवाददाता ने लिखा था की, कांट्रेक्टर के साथ यह विवाद कोर्ट में होने के कारण हम इस पर कोई टिपण्णी नहीं कर सकते. हालांकि कंपनी ग्राहकों के हितों का रक्षण करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए जरुरी कदम भी उठा रही है. इस मामले को जल्दी सुलझाने की कोशिशें भी जारी हैं. ग्राहकों का समाधान और क्वालिटी ही हमारा लक्ष्य है. हाल ही में 300 यूनिट्स हमने ग्राहकों को हस्तांतरित किये हैं.
लेकिन यह स्पष्ट नहीं हुआ की निर्माण का स्तर इतना घटिया होने की वजह क्या है ? सूत्रों के मुताबिक कॉन्ट्रैक्टर और मालिकों के बिच के विवाद का यह भी एक प्रमुख कारण है. लेकिन इसका खामियाजा खरीददारों को भुगतना पड़ रहा है.