Published On : Mon, Apr 1st, 2019

कन्हान पुलिस की नाक तले धूम मचाते दादा, बाबा, भाऊ, नाना, बॉस की गाड़ियां

Advertisement

वाहनों के फैंसी नंबर प्लेट पर नहीं हो रही कोई कार्रवाई

कन्हान: शहर में लगातार कार्रवाईयों के चलते फ़ैंसी नंबर प्लेटों से वाहन चालकों ने किनारा करना शुरू कर दिया है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में कार्रवाई की कमी के चलते फ़ैंसी नंबर प्लेटों फैशन और बढ़ता जा रहा है. कन्हान पुलिस स्टेशन के हद में ऐसे फ़ैंसी नंबर प्लेटोंवाले वाहनों की भरमार है. कार्रवाई के आभाव में ऐसे में इन वाहन चालकों के हौसले बुलंद हैं और पुलिस विभाग के आँखों के सामने बेरोकटोक दौड़ लगाते हैं.

Gold Rate
11 April 2025
Gold 24 KT 93,800/-
Gold 22 KT 87,200/-
Silver / Kg - 93,100/-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

अपना रुतबा दिखाने के लिए कुछ अमीर,कुछ माफिया, राजनेता एंव उनके परिजनों व्दारा फैंसी नंबर प्लेट का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे फ़ैंसी नंबर प्लेटों के लिए आरटीओ से ज्यादा पैसे देकर मोटर वाहन अधिनियम की धज्जियां उड़ाई जाती हैं. ऐसे खास नंबरों को तोड़-मरोड़ कर मोदी,दादा,भाऊ, राम,साईं,नाना,बॉस,मराठा,बाबा,बावा,यादव,आरएसएस, बीजेपी आदि कई नाम लिखे जाते हैं.

इससे जहा वाहनों के नंबर की पहचान करना मुशिकल है वहीं किसी जुर्म में एसे वाहन का इस्तेमाल होने पर पुलिस को उसे तलाशा बड़ी चुनौती बनते जा रही है. फिर भी पुलिस ऐसे वाहनों पर कोई करवाई नहीं कर रही है. यातायात नियमानुसार वाहन निजी तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है.

बता दें कि सफ़ेद रंग की प्लेट पर काले रंग के अक्षर से नबंर लिखा जाता है. यदि वाहन व्यावसायिक रूप से उपयोग किया जा रहा है तो नंबर प्लेट पीले रंग की एंव उस पर अक्षर काले रंग का होता है. यह इसलिए ताकि वाहन की कोई दुर्घटना या उससे कोई अपराध होने पर संबंधित वाहन का नंबर स्पष्ट रूप से दिखाई दे.

लेकिन कुछ बिगड़ैल रईसजादे अपनी पसंद से अपने नाम के अनुसार फैंसी नंबर प्लेट का उपयोग कर नियमों को ठेंगा दिखा रहे हैं. ऐसे फ़ैंसी नंबरों में 4141 को दादा, 8055 को BOSS(बॉस), 2141 को राम, 9113 तो भाऊ, 6161 को नाना, 9191 को बाबा/बावा, 4149 को यादव की तरह लिखा जाता है. जानकारी के अनुसार अधिकतर फैंसी नंबर प्लेटों के मालिक रईसो के बिगड़ैल बेटे होते हैं. इन रईसों के वाहन चार पहिया लग्जरी होने से पुलिस में भी उन्हें रोकने की हिम्मत नही होती.

राज्य परिवहन विभाग के आदेश के अनुसार किसी भी वाहन को आंवटित किया गया नंबर हिंदी या अग्रेजी में तथा बड़े आकर में होना अनिवार्य है. अन्यथा उन पर गुमराह करने का मामला दर्ज हो सकता है. आलम यह है कि पुलिस इस ओर अनदेखी कर रही है. जिसके चलते बिगड़ैलों के हौसले बुंलद हैं. इस ओर आरटीओ अधिकारियों को ध्यान देने की जरूरत है. मोटर वाहन अधिनियम के साथ खिलवाड़ करने वालों पर क़ानूनी कारवाई की मांग रिपब्लिकन भीम शक्ति के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर भिमटे ने की है.

Advertisement
Advertisement