– पूर्व राज्य मंत्री रहे विधायक बच्चू कडु ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
नागपुर – मंत्री रहने के पूर्व तक बतौर विधायक कडु ने विकलांगों के हित में काफी सक्रीय रहे,नागपुर के शीतकालीन सत्र में उन्हें लगभग प्रत्येक वर्ष मोर्चे निकाल सरकार का ध्यानाकर्षण करवाया।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समूह में शामिल होने के बाद महाविकास आघाड़ी सरकार में राज्य मंत्री रहे विधायक बच्चू कडू ने अब मुख्यमंत्री से विकलांगों के लिए अलग कल्याण मंत्रालय की मांग की है. उन्होंने इस संबंध में गत मंगलवार को मुख्यमंत्री शिंदे को पत्र भी दिया है.
महाराष्ट्र की स्थापना के बाद पिछड़े वर्गों, महिला एवं बाल कल्याण, मुक्त जाति घुमंतू जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण, विकलांग और विभिन्न उपेक्षित वर्गों के कल्याण के लिए समाज कल्याण विभाग और मंत्रालय की स्थापना की गई थी। समय के साथ, विभिन्न कल्याणकारी संस्थाओं के प्रशासनिक कार्यों का दायरा दिन-ब-दिन बढ़ता गया।प्रत्येक घटक को न्याय दिलाने और कल्याण के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए समाज कल्याण विभाग से प्रत्येक कल्याण घटक के लिए एक अलग मंत्रालय बनाया गया था।
वर्ष 1982 में आदिवासी विभाग, वर्ष 1999 में महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय, वर्ष 2018 में विजाभज अन्य एवं बहुजन कल्याण मंत्रालय बनाया गया। यद्पि विकलांगों के लिए विशेष कल्याण आयुक्तालय को स्वतंत्र कर दिया गया है, उक्त आयुक्तालय और विभाग का पूर्ण नियंत्रण सामाजिक न्याय विभाग के पास रहता है।
पूर्व राज्य मंत्री बच्चू कडू ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि विकलांग भी समान व्यवस्था में बेहद उपेक्षित तत्व हैं और इस तत्व के विशेष कल्याण के लिए अलग मंत्रालय का होना बहुत जरूरी है.
महत्वपूर्ण मुद्दे
– अलग कमिश्नरी बनाकर इस पर विशेष ध्यान नहीं दिया जा सकता।
– ज्यादातर भिखारी विकलांग हैं।
– वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण एवं कल्याण तथा अठारह वर्ष से अधिक आयु के अनाथ बच्चों के कल्याण के लिए योजनाएं विकलांगों के लिए विशेष कल्याण मंत्रालय के नियंत्रण में क्रियान्वित की जानी चाहिए।
– यदि विकलांग व्यक्तियों के मंत्रालय के नियंत्रण में योजनाओं को लागू किया जाता है, तो इस विभाग का दायरा और प्रकृति बढ़ जाएगी।