नागपुर: शराबबंदी की मांग अब महाराष्ट्र के कई जिलों से उठने लगी है. बुधवार को मॉरिस कॉलेज चौक में यवतमाल जिले की महिलाएं बड़ी संख्या में शराबबंदी की मांग को लेकर विधान भवन पर पहुंची थीं. गुरुवार को इसी शराबबंदी की मांग को लेकर गजानन महाराज के जिले से बुलढाणा से भी बड़ी तादाद में महिलाओं ने यहां आकर शराबबंदी की मांग की है. अस्तित्व संगठन बुलढाणा व अखिल भारतीय गुरुदेव सेवा मंडल के सुशील वनवे और प्रेमलता सोनोने के नेतृत्व में यह मोर्चा निकाला था.
इस दौरान मोर्चे में मौजूद सुशील वनवे ने बताया कि पिछले 6 वर्षों से वह शराबबंदी की मांग को लेकर नागपुर शीतसत्र में आ रहे हैं. लेकिन सरकार की ओर से इस मांग की तरफ कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है. वनवे ने बताया कि वर्धा, चंद्रपुर, गडचिरोली में कोई भी मंदिर न होने के बाद भी वहां पर शराबबंदी की गई है. लेकिन विदर्भ की पंढरी माने जानेवाली गजानन महाराज का जिला और शिवाजी महाराज की माता जिजामाता का जिला होने के बावजूद भी सरकार ध्यान नहीं दे रही है. सरकार को ना ही शेगांव में आस्था है और ना ही जिजामाता के सिंधखेड में.
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वनवे ने बताया कि शराब के कारण किसान आत्महत्याएं बढ़ी हैं. शराब के कारण महिलाओं पर अत्याचार का प्रमाण भी बढ़ रहा है. बावजूद इसके सरकार अपने टैक्स के कारण इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. पिछले शीतसत्र में पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने चर्चा करने का आश्वासन दिया था. लेकिन अब तक कोई भी चर्चा नहीं की गई है. मोर्चे में आनेवाली सभी महिलाओं ने बुलढाणा जिले में शराबबंदी की मांग की है.