मनपा से की स्थानांतरण कर वहां वृक्षारोप करने की मांग
नागपुर: पुणे की नागपुर इकाई की सिम्बॉयसिस संस्था इन दिनों अजीबोग़रीब परेशानी से जूझ रही है. इसकी शाखा इस साल से शुरू होनी है. इसके निकट मनपा का कत्लखाना है जिसकी बदबू से प्रबंधन काफी परेशान है. कॉलेज प्रबंधन इसे शिफ्ट कर इस जगह वृक्षारोपण करने की मांग पिछले कुछ सप्ताह से कर रहा है.
सिम्बॉयसिस संस्थान के सूत्रों के अनुसार यह कत्लखाना काफी दिक्कत दे रहा है. इस कत्लखाना से निकलने वाली बदबू सम्पूर्ण परिसर को प्रदूषित कर रहा है. क्यूंकि इस संस्थान के पहले सत्र की शुरुआत को डेढ़-दो माह बाकी है. इसलिए प्रबंधन ने अब तक दर्जनों चक्कर लगा के मनपा से गुहार लगाई है. अभी से ही प्रबंधन इसलिए प्रयास कर रही है कि यहां पढ़ने वाले यहीं रहकर पढाई करेंगे. इस दौरान बदबू से रहने वाले छात्रों और अन्यों के स्वास्थ्य के साथ कोई विपरीत परिणाम न हो इसलिए मनपा से मिन्नतें की जा रही है.
मनपा में सबसे बड़ी समस्या यह है कि यहां के अधिकारियों में दूरदर्शिता का पूरा आभाव है और यहां से जुड़े सफेदपोश इन्हीं में से चापलूस सेवानिवृत्तों पर मेहरबान होकर इन्हीं सेवानिवृत्तों को विशेषज्ञ का अहोदा देकर मनपा से संलग्न कंपनियों में ठेकेदारी पद्धति या निदेशक पद पर आसीन कर लेती है.
दूसरा मनपा के शीर्ष १० पदों पर ८० से ९०% अधिकारी बाहरी हैं और इनमें से अधिकांश उक्त मनपा की हद्द और क्षेत्र की वास्तविकता से अनविज्ञ है. नतीजा मनपा उभरने के बजाय दिनोंदिन गर्त में धस्ता जा रहा हैं. इसका पूरा फायदा मनपा के मूल व जुगाड़ू अधिकारी-कर्मी उठा रहे है और उक्त बाहरी शीर्ष अधिकारी को गुमराह कर रहे हैं.
उक्त मामले में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है. सिम्बॉयसिस की ओर से मनपा प्रशासन सह सिम्बॉयसिस के शुभचिंतक सफेदपोशों के समक्ष कत्लखाने को हटाने और उसकी जगह वृक्षारोपण करने के अधिकार के लिए चक्कर लगाने का सिलसिला जारी हैं.लेकिन मनपा प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. तो दूसरी ओर जानकारी मिली कि इस कत्लखाना में भैंस काटी जाती हैं. वह भी जंगली जानवरों को खिलाने के लिए. पर्यायी व्यवस्था के रूप में जहां जंगली जानवरों को रखा गया है, उसी जगह के आसपास भैसों को काटने का पर्यायी व्यवस्था की जा सकती है.
इस तरह सिम्बॉयसिस के निकट की कत्लखाना से होने वाली बदबू को हमेशा के लिए ख़त्म किया जा सकता हैं.
प्रबंधन,कानून,आर्किटेक्ट का पहला सत्र शुरू होंगा
नागपुर के सिम्बॉयसिस शाखा में प्रबंधन,कानून,आर्किटेक्ट अभ्यासक्रम की आगामी नए शैक्षणिक सत्र से पहले सत्र की शुरुआत होने जा रही है. प्रबंधन द्वारा नागपुर के विद्यार्थियों को बिना प्रतियोगी परीक्षा लिए प्रवेश दिया जाएगा. तीनों संकाय में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को परिसर के हॉस्टल में ही रहना होगा. उल्लेखनीय यह भी हैं कि सिम्बोयसिस एकदम भांडेवाड़ी के निकट हैं, यहां बरसात में भीषण बदबू से सामना करना पड़ सकता है.