तलेगांव (शामजीपंत) (वर्धा) । गत माह में दो बार डिझल के दाम घटने से वाहन चालकों के अच्छे दिन आ गए है. लेकिन यात्रीयों के लिए बुरे दिन है. डिझल की दर में कटौती 6 रूपये तक हुई. लेकिन टिकट में कटौती नहीं हुयी है जिससे यात्रियों में नाराजगी है. स्थानीय अधिकारी एसटी मंडल को बोल रहा है तथा महामंडल सरकार की ओर इशारा कर रही है. आंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में गिरावट हुई है. दिवाली के मौके पर बारा दिन के अंतराल में डिझल के दाम दो बार कम हुए है. 19 अक्टूबर को 3 रुपये 72 पैसे और 31 अक्टूबर को 2 रुपये 50 पैसे सस्ता हुआ है.
पिछले आर्थिक वर्ष में एसटी ने 12 प्रतिशत किराया बढ़ाया था. डिझल के दाम बढे तो टिकट भाड़ा बढ़ता है. लेकिन डिझल के दाम घटने के बाउजूद टिकट भाड़ा कम करने का कार्य महामंडल ने नहीं किया. एसटी का घाटा कम करने के लिए भाव बढ़ाया है ऐसा महामंडल के अधिकारीयों ने कहां है. राज्य मार्ग परिवहन महामंडल द्वारा जब टिकट भाड़ा बढ़ाने का फैसला लिया जाता है तब पहले चरण में 6 किमी अंतर के लिए रहता है. अभी पहले चरण में 6 रूपये 30 पैसे और स्लीपर के लिए 8 रूपये 60 पैसे कीमत है. डिझल के दाम कम भी हुए फिर भी एसटी प्रशासन टिकट कम करने का निर्णय नहीं ले रही.
एसटी महामंडल ने महंगाई के काल में प्रवासीयों को दिलासा देना जरुरी है. भाड़ा बढ़ाने के लिए तुरंत निर्णय लिए जाते है लेकिन डिझल के दाम घटने पर फिर भी टिकट उसी भाव में दे रहे है. यह यात्रियों पर अन्याय है.
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