नागपुर: दक्षिण नागपुर स्थित भोसलेकालीन तालाब शहरवासियों का गर्व है। महापौर दयाशंकर तिवारी ने मंगलवार को आयोजित एक बैठक में कहा कि इन पुरातन निर्माण कार्यों को संरक्षित करते हुए सक्करदरा तालाब का विकास करना चाहिए।
सक्करदरा झील दक्षिण नागपुर का एक पुराना और ऐतिहासिक स्थान है। इसे महाराष्ट्र सरकार के फंड से विकसित किया जाएगा। हालांकि, महापौर को शिकायत मिली थी कि सौंदर्यीकरण कार्य के दौरान झील के निकटवर्ती पुरातन निर्माण कार्यों का संरक्षण नहीं किया जा रहा है। शिकायत के मद्देनज़र महापौर ने स्पष्ट किया कि इन कार्यों में पुराने प्रकार के पत्थरों का ही उपयोग करना चाहिए। उन्होंने झील के निकट स्थित मंदिर को भी विकसित करने के निर्देश दिए।
सक्करदरा तालाब का सौंदर्यीकरण और संबंधित विकास कार्यों के लिए नागपुर महानगरपालिका को 24 करोड़ रुपए खर्च करने की इजाज़त महाराष्ट्र सरकार द्वारा दिया गया है। इसके अंतर्गत 10 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार किया गया है और 8.35 करोड़ रुपए के निर्माण कार्यों को मंज़ूरी दी गई है। अब तक 3.50 करोड़ रुपए के कार्य पूरे किए जा चुके हैं। अधिकारियों को पता चला कि सरकार की ओर से निधि नहीं मिली है।
इस संदर्भ में बैठक बुलाने के निर्देश महापौर ने प्रशासन को दिए थे। बैठक में कार्यकारी अभियंता डॉ. श्वेता बॅनर्जी, नेहरू नगर ज़ोन के कार्यकारी अभियंता धनंजय मेंढुलकर, अभियंता देवचंद काकडे, नगर रचना विभाग के कोलते और राठोड, पर्यावरण विभाग के संदीप लोखंडे और वेद के दिनेश नायडू उपस्थित थे। सक्करदरा तालाब का पूरा परिसर 7.8 हेक्टर पर फैला है जिसमें से तालाब का क्षेत्रफल 3.68 हेक्टर है। मनपा की ओर से छोटे बच्चों के लिए खेल का मैदान, अँम्पी थिएटर, फूड कोर्ट, उद्यान का विकास कार्य और तालाब की दूसरी ओर स्थित बाग का विकास करना प्रस्तावित है। जाखापुर जगदंबा कंस्ट्रक्शन कंपनी तालाब को विकसित कर रही है। इस कंपनी की ओर से रमेश होतवानी भी बैठक में उपस्थित थे।