नागपुर: समानता के आधार पर मालकी हक का घर हर गरीब व्यक्ति का अधिकार है, जिन्होंने अतिक्रमण किया, वह उनकी मजबूरी थी. वहीं अतिक्रमित घर अब सरकार के फैसले से मालकियत का होने जा रहा है. शहर के लगभग 2 लाख झोपड़पट्टीवासियों को सरकार के इस फैसले का लाभ होने तथा पट्टों का वितरण मिशन मोड पर करने के निर्देश मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने अधिकारियों को दिए.
रविवार को मनपा और प्रन्यास की जमीन पर के झोपड़पट्टीवासियों को मालकी पट्टे और निर्वासितों को मालकियत की सुधारित आखिव पत्रिका का वितरण उनके हाथों किया गया. अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने की. पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, महापौर नंदा जिचकार, सुधाकर कोहले, कृष्णा खोपडे, वीरेन्द्र कुकरेजा, संदीप जोशी, प्रन्यास सभापति अश्विन मुदगल, मनपा आयुक्त अभिजीत बांगर आदि उपस्थित थे.
25,000 रजिस्ट्री का काम पूरा
मुख्यमंत्री ने कहा कि मालकी पट्टे देने में आ रही समस्याओं को देखते हुए कानून में सुधार कर हाल ही में 17 नवंबर को सरकारी आदेश जारी किया गया, जिसके अनुसार वर्ष 2011 तक के सभी अतिक्रमण नियमित होंगे. उपराजधानी में अब तक 25,000 झोपड़पट्टीधारकों के पट्टों की रजिस्ट्री का काम पूरा हो चुका है. हालांकि नियमित रजिस्ट्रार कार्यालय में भारी संख्या में रजिस्ट्री संभव नहीं है, जिससे अब स्वतंत्र निबंधक कार्यालय तैयार किया गया है. जहां केवल झोपड़पट्टीधारकों की रजिस्ट्री होने की जानकारी उन्होंने दी. प्रत्येक पट्टों में परिवार की महिला का नाम होने की अनिवार्यता का नियम लागू किया गया है. प्रास्ताविक कर सत्तापक्ष नेता ने बताया कि कामगार कालोनी से झोपड़पट्टीधारकों को पट्टे वितरण की कार्यप्रणाली शुरू की गई. इसके पूर्व किसी ने पट्टों का वितरण नहीं किया था.
अवसर मिलने से हुआ संभव
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि मालकी पट्टे देने की मांग गत 25 वर्षों से चली आ रही है. इसके पूर्व कई घोषणाएं हुईं, लेकिन निर्णय नहीं किया गया. गरीबों के संदर्भ में संवेदनशीलता से राज्य सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले से कई अतिक्रमणधारकों को राहत मिलेगी. जनता द्वारा चुनकर दिए जाने से जो अवसर मिला, उसी वजह से संभवत: यह संभव होने मंशा भी उन्होंने जताई. उपराजधानी में चल रहे 66,000 करोड़ के विकास कामों के लिए भी उन्होंने जनता को ही श्रेय दिया. इस अवसर पर सरस्वतीनगर, फकीरावाडी, रामबाग, जाटतरोडी, कुंदनलाल गुप्ता वाचनालय, बोरकरनगर, बंसोड मोहल्ला, काफला बस्ती, इमामवाडा-2 के झोपड़पट्टीधारकों को प्रतीकात्मक रूप में मालकी पट्टे वितरित किए गए.