नागपुर– महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. शुक्रवार को राजभवन पहुंचकर उन्होंने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है.वहीं, अभी तय नई सरकार के गठन को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो पाई है. इस्तीफे के बाद फडणवीस ने कहा कि शिवसेना से ढाई-ढाई साल के लिए सीएम को लेकर कोई बात नहीं हुई थी. फडणवीस ने यह भी कहा कि नतीजे आने के बाद से ही शिवसेना बीजेपी की बजाय एनसीपी और कांग्रेस से चर्चा करती रही. महाराष्ट्र के राजभवन में इस्तीफा देने पहुंचे फडणवीस के साथ बीजेपी के कुछ अन्य नेता भी मौजूद थे.
शिवसेना की सीएम पद की मांग को लेकर गतिरोध जारी रहने के कारण यह स्पष्ट नहीं है कि अगली सरकार कौन बनाएगा. हालांकि, बीजेपी के नेता लगातार दावा कर रहे हैं कि शिवसेना के साथ ही सरकार बनेगी और देवेंद्र फडणवीस ही दोबारा मुख्यमंत्री बनेंगे. इस्तीफे के बाद फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा, ‘चुनाव में हमें थोड़ी कम सीटें आईं. उद्धव ठाकरे ने अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि वह सरकार बनाने को तैयार हैं. मेरा भी मानना है कि यह जनादेश एनडीए को मिला है. मैं यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि ढाई-ढाई साल सीएम की कोई बात नहीं हुई थी.
ना ही कभी यह तय हुआ कि ढाई-ढाई साल दो सीएम रहेंगे.मैंने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और नितिन गडकरी से भी इस बारे में पूछा लेकिन उन्होंने भी सीएम पर 50-50 फॉर्म्युले पर किसी भी तरह के फैसले से इनकार किया.’ फडणवीस ने आगे कहा, ‘अगर ऐसी कोई बात होती तो हम बात करके उसका हल निकाल लेते लेकिन शिवसेना ने चर्चा ही रोक दी. शिवसेना सिर्फ सीएम पद को लेकर बात करना चाहती है. मेरे उद्धव ठाकरे जी से बहुत अच्छे संबंध हैं. मैंने उनको फोन किया लेकिन उन्होंने मेरे फोन का जवाब नहीं दिया. उन्होंने हमसे चर्चा करने की बजाय एनसीपी और कांग्रेस से चर्चा की. मुझे लगता है कि चुनाव नतीजे आने के बाद ही शिवसेना ने तय कर लिया था कि वह एनसीपी-कांग्रेस के साथ सरकार बनाएगी.’
शिवसेना पर गलतबयानी का आरोप लगाते हुए फडणवीस ने कहा, ‘नतीजे आने के बाद से ही शिवसेना के कुछ नेता जिस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं, हम उससे सख्त भाषा में जवाब दे सकते हैं लेकिन हमारी संस्कृति यह नहीं है. हम बाला साहब ठाकरे के खिलाफ कभी सोच भी नहीं सकते.
यहां तक कि मोदी जी ने भी कभी उद्धव ठाकरे के खिलाफ कुछ नहीं कहा. उनपर व्यक्तिगत टिप्पणी की गई फिर भी हमने कभी कुछ नहीं कहा. इससे हमें बहुत दुख हुआ है.’ फडणवीस ने कहा कि राज्यपाल ने उनसे कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने को कहा है. साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि जब भी महाराष्ट्र में सरकार बनेगी, वह बीजेपी के नेतृत्व में ही बनेगी. खरीद-फरोख्त के आरोप पर फडणवीस ने कहा कि जो भी इस तरह के आरोप लगा रहे हैं, वे आरोपों को साबित करके दिखाएं.
दूसरी तरफ महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन से बचने के लिए बीजेपी ने आखिरी बचे कुछ घंटों में अंतिम प्रयास शुरू कर दिया है. संकटमोचक माने जाने वाले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मुंबई पहुंच गए हैं. उधर, शिवसेना और कांग्रेस बैठकों के जरिए मंथन में जुटी हैं. विधायकों को टूटने से बचाने के लिए शिवसेना ने कल ही अपने विधायकों को होटल में शिफ्ट कर दिया था. अब खबर है कि कांग्रेस पार्टी आज सभी 44 विधायकों को जयपुर भेज रही है.
सरकार गठन के लिए समय खत्म होता देखकर शिवसेना नेता संजय राउत एकबार फिर से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार से मिलने पहुंचे. आपको बता दें कि शरद पवार साफ-साफ कह चुके हैं कि एनसीपी और कांग्रेस विपक्ष में ही बैठेंगी और वे शिवसेना को समर्थन नहीं देंगी.