नागपुर : जैन धर्म के अनुसार जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव ने दीक्षा के बाद छह महिने उपवास किया था उसके बाद वे आहार के लिये निकले, आहार की पडगाहन विधि नही मिलने से वह रोज वापस आ जाते थे, श्रावकगण पडगाहन विधि भूल गये थे. तेरह माह के अंतराल के बाद उन्हे विधि मिल गई. राजा श्रेयांस ने पडगाहन किया और प्रथम आहार अक्षय तृतीया के दिन इक्षुरस का आहार दिया इसलिये जैन धर्म मे अक्षय तृतीया का विशेष महत्व है.
अपने आराध्य प्रथम तीर्थंकर के कृतज्ञता प्रकट करने के लिये जैन समाज के सुप्रसिद्ध उद्यमी पुलक मंच परिवार के संरक्षक मनीष मेहता ने अमर स्वरूप परिवार के सहयोग से आज साडे चार हजार किलो अनाज 27 संस्थाओं को वितरीत किया* अनेक संस्थाये इस महामारी में सेवा कार्य मे लगी है, कुछ संस्थाये भोजन की व्यवस्था कर रही है
तो कुछ संस्थाये राशन किट बना कर जरूरतमंद लोगो की मदत कर रही है, ऐसे संस्थाओं के सेवा कार्य मे सहयोग के रूप में रविवार को अमरस्वरूप परिवार में माध्यम से मनीष मेहता द्वारा शहर की करीब 27 संस्थाओं को जो इस सेवा कार्य मे लगी है ऐसे संस्थाओं को चार हजार पांच सौ किलो चावल एव गेहू का वितरण किया गया साथ ही *पुलिस विभाग को सात फूड कन्टेनर भी दिए गये।*
पुलक मंच परिवार नागपुर* के माध्यम से आज यह सामग्री वितरित की गई,अमर स्वरूप फाऊंडेशन के माध्यम से नागपुर, अहमदाबाद और मुंबई मे प्रतिदिन वहा की स्थानीय संस्थाओं के माध्यम से गरीब, बेसहारा लोगों को गत 35 दिनों से जीवनाश्यक वस्तुओं की किट और भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. जो छात्र लॉकडाऊन के कारण अपने घर नही जा पाये ऐसे छात्रो के दो समय की भोजन की व्यवस्था स्वयंसेवी संगठनों के माध्यम से मनीष मेहता के मार्गदर्शन मे आज भी जारी है. मनीष मेहता के इस सेवाभावी कार्य की गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी से प्रशंसा की है.