नागपुर: राज्य और केंद्र सरकार के माध्यम से नए उद्यमी बनाने, नागरिकों को पूंजी उपलब्ध कराने, उन्हें वित्तीय स्थिरता बहाल करने के लिए विभिन्न योजनाएं काम कर रही हैं। बिना किसी कारण के प्रस्तावों को रद्द न करें, इस आशय के निर्देश कलेक्टर डॉ. विपिन इटनकर ने बुधवार को बैंकों के प्रतिनिधियों को स्पष्ट निर्देश दिए। बैंकों को यह नहीं भूलना चाहिए कि लोगों के सही प्रस्ताव पर ऋण देना भी उनका काम है।
बड़ी संख्या में बैंकों को राज्य और केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के लिए ऋण आवंटित करने का निर्देश दिया गया है। यह देखा गया है कि विभिन्न योजनाओं के तहत किसानों को ऋण प्रदान करने, शिक्षित बेरोजगारों को नए व्यवसाय के लिए ऋण प्रदान करने, स्वयं सहायता समूहों के लिए महिलाओं को ऋण प्रदान करने में बैंकों को अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है। इसके लिए हर महीने बुधवार को दो बार समीक्षा की जाती है। बुधवार को हर पखवाड़े में होने वाली इस बैठक में जिला कलेक्टर ने विभिन्न योजनाओं को लेकर बैंकों के प्रतिनिधियों की तीन घंटे तक समीक्षा की। इस अवसर पर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी योगेश कुंभेजकर भी उपस्थित थे। उन्होंने बैंकों को ग्रामीण क्षेत्रों में सभी योजनाओं की समीक्षा करने और प्रस्तावों को अनावश्यक रूप से वापस नहीं करने का निर्देश दिया।बैठक में सभी राष्ट्रीयकृत और स्थानीय बैंकों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इस बैठक में विभिन्न योजनाओं के अलावा फसल ऋण आवंटन, प्रधानमंत्री किसान ऋण आवंटन योजना, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना, प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, महिला बचत समूह, स्वनिधि योजना, केंद्र और राज्य सरकारों की समीक्षा की गई।
इसके अलावा वसंतराव नायक विमुक्त जाति एवं घुमंतू जनजाति विकास निगम, संत रोहिदास लेथरमैन विकास निगम, महात्मा फुले पिछड़ा वर्ग विकास निगम, अन्नासाहेब पाटिल आर्थिक विकास निगम, अन्य पिछड़ा आर्थिक विकास (ओबीसी) निगम आदि प्रस्तुत हैं। लेकिन देखा गया कि बैंक उसे कोई जवाब नहीं दे रहा था। उपयुक्त प्रस्ताव हो तो विलंब कम करें, कलेक्टर ने निर्देश दिया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि शिखर बैंक के जिला प्रबंधक नियमित रूप से बैंकों का दौरा करें और समस्या का समाधान करें। कोविड के बाद कई प्रस्ताव आ रहे हैं। पढ़े-लिखे बेरोजगार लोग नया व्यवसाय शुरू करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी अपील की कि ऐसे समय में उन्हें किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
विभिन्न जाति समूहों के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकारों की कई योजनाओं के लिए बैंकों द्वारा ऋण प्रदान किया जाता है। शिक्षित बेरोजगार युवा इसका लाभ उठाएं। उचित प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाना चाहिए। यदि आपका प्रस्ताव उपयुक्त है और फिर भी बैंक की ओर से कठिनाई हो रही है, तो लंबित मामले की समीक्षा महीने में दो बार बुधवार को आयोजित बैंक समीक्षा बैठक में की जाएगी। इसलिए बैठक में जिला कलेक्टर ने शिक्षित बेरोजगारों से विभिन्न निगमों को उचित तरीके से प्रस्ताव प्रस्तुत करने की अपील की।
इस बैठक में जिला परिषद के अपर मुख्य कार्यपालन अधिकारी कमल किशोर फुटाने, शिखर बैंक के प्रमुख जिला प्रबंधक मोहित गेडाम, जिला उप पंजीयक गौतम वाल्दे, जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक शिवकुमार, कृषि उप निदेशक अरविंद उपरीकर आदि उपस्थित थे।