नागपुर: कोरोना महामारी के दौरान महिला चिकित्सा कर्मियों के साथ बदसलूकी करने और चिकित्सा सामग्री में भ्रष्टाचार करने के आरोप में जालना तालुका के जिला स्वास्थ्य अधिकारी विवेक खतगांवकर को निलंबित करने की घोषणा राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ तानाजी सावंत ने विधानसभा में मंगलवार को की। डॉ. सावंत ने इस दौरान कहा कि इस मामले में उनसे पूछताछ भी की जाएगी।
मंगलवार को विधायक नारायण कुचे ने चिकित्सा अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सदन में सवाल पेश किया था। मंत्री सावंत ने इस आशय के विचार व्यक्त किए। विवेक खतगांवकर स्थानीय महिला कर्मचारियों के साथ अक्सर दुर्व्यवहार करते हुए तथा उनसे अनुचित तरीके से बात करते हुए पाए गए हैं। खतगांवकर के खिलाफ 7 महिलाओं ने स्वास्थ्य मंत्री से शिकायत की है।
जिले में उस समय बड़े पैमाने पर मेडिकल सामग्री खरीदी गई जब कोरोना का असर बहुत कम हो चुका था और इसकी कोई जरूरत भी नहीं थी। यह सामग्री लोगों तक भी नहीं पहुंच पाई है। सामग्री केवल कागजों पर खरीदी गई है, अतः यह साफ भ्रष्टाचार का मामला है।
विवादों में घिरे हुए चिकित्सा विभाग के कर्मचारी द्वय सतीश पवार और अर्चना पाटिल के बारे में भी सदन में सवाल पूछा गया। क्या उन्हें निकाल दिया जाएगा? इस तरह के सवाल भी विधायक नारायण कुचे ने उठाए।
इस पर डॉ. तानाजी सावंत ने कहा कि कोरोना काल में स्वास्थ्य क्षेत्र में हुए भ्रष्टाचार की जांच चल रही है। क्या कारण है कि तत्कालीन सरकार भ्रष्टाचारियों को समर्थन दे रही है? उन्होंने आश्वासन दिया कि सतीश पवार और अर्चना पाटिल की नियुक्ति भी रद्द कर दी जाएगी।