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नागपुर: सुको के निर्देशानुसार शराब की दुकानें, बार, परमिट रूम, बियर शॉपी बंद है. उनमें ८५० लाइसेंसियों का समावेश है. इनमे से कुछ ने बंद दुकानों को शुरू करवाने के उद्देश्य से उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है. न्यायलय के निर्देशानुसार लोककर्म विभाग या आबकारी विभाग बंद दुकानों की महामार्ग से दुरी गिनने वाला है. इस आदेश के बाद याचिकाकर्ताओं के प्रमुख राजीव जयसवाल ने सभी याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया है कि याचिकाकर्ताओं के समक्ष लोककर्म या आबकारी विभाग महामार्ग से बंद दुकानों की दुरी गिन कर याचिकाकर्ता से हस्ताक्षर लेंगी, उनके द्वारा बताये गए किसी भी कागजात पर हस्ताक्षर न करने के निर्देश जयसवाल ने दिए हैं.
याचिकाकर्ताओं के मध्य हुए वार्तालाप के मुख्य अंश कुछ इस प्रकार हैं. जिसने लिगल फिस नही दी है उनको इसे जमा कराना है. जिन सदस्यो ने हायकोर्ट मे असोसिएशन द्वारा पिटीशन फाईल की है उनसे निवेदन है कि ३१/३/१७ को राज्य उत्पादन शुल्क विभाग के जिस आर्डर /नोटीस से आपकी अनुज्ञाप्ती बंद हुयी एैसे नोटीस / आर्डर की झेरॉक्स कापी कल तक असोशियेशन के आँफीस मे लाकर देना है, तथा इसे हायकोर्ट मे फाईल करना है.
जिनके परमिटरूम ५००/२२० मिटर के इसमें बंद है उन लोगों से विनंती की है की राज्य उत्पादन शुल्क या पी डब्लू डी आँफीस से आपके पास कोई काग़ज़ हस्ताक्षर के लिये आता है तो उस पेपर हस्ताक्षर ना करे और असोशियेशन को ख़बर करे अपने मँनेजर को भी बता दे. क्योंकि २८ को कन्टेप्ट मे और ३० तारीख़ को भी सिनीयर खड़े रहेंगे. आप लोग यदी लिगल फिस नही देगें तो असोशियेशन को सिनीयर खड़े करने मे मुश्किल होगी.