पूर्व सत्तापक्ष नेता दयाशंकर तिवारी व वर्तमान सत्तापक्ष नेता संदीप जाधव का सवाल
नागपुर – पूर्व सत्तापक्ष नेता दयाशंकर तिवारी व वर्तमान सत्तापक्ष नेता संदीप जाधव ने आज पत्रपरिषद में कहा कि मनपा के सभागृह में तथ्यों के साथ जानकारी देने के बावजूद आयुक्त कार्यालय में 14 फरवरी से शिकायत प्रलंबित होने के पश्चात महापौर संदीप जोशी ने निलंबित के आदेश देने के बाद भी डॉक्टर गंटावार दम्पत्ति को निलंबित करने की कार्रवाई न करना आयुक्त के छवि को मलिन करता हैं और गलत कार्य करने वालों को आयुक्त अगर बचा रहा तो वह पद का दुरुपयोग कर रहा। शायद मनापायुक्त किसी दबाव में कार्रवाई करने से हिचकिचा रहे हैं।
उल्लेखनीय यह हैं कि मनपा में 21 मार्च 2016 को समिति विभाग के आदेश क्रमांक 168 के अनुसार मनपा में कार्यरत किसी भी डॉक्टर को निजी प्रैक्टिस करने को मना किया गया हैं और उसे व्यवसाय रोध भत्ता लागू किया गया हैं। इस विषय के अंतर्गत डॉक्टर गंटावार निजी दवाखाना संचालित नहीं कर सकते हैं परंतु कर रहे हैं।
महाराष्ट्र नर्सिंग होम कानून 1949 के अंतर्गत कलम 5 अनुरूप दिए गए निर्देश अनुसार शासकीय सेवा में कार्यरत डॉक्टर अपना व्यक्तिगत नर्सिंग होम नहीं चला सकता परंतु डॉक्टर गंटावार कोलंबिया नर्सिंग होम का संचालन कर रहे हैं।
महाराष्ट्र नागरी सेवा वर्तनुक और शिस्त व अपील नियम 1949 के नियम 5 अंतर्गत शासकीय सेवा में कार्यरत व्यक्ति राजनीतिक संघठन में पदाधिकारी नहीं बन सकती और राजकीय आंदोलन में भाग नहीं ले सकते। डॉक्टर शीलू गंटावार राजनीतिक गतिविधियों के आवश्यक दस्तावेज आयुक्त के पास जमा करने के बाद भी अगर आयुक्त कार्रवाई न करें तो इसे क्या समझा जाए।
एंटीकरप्शन के कार्यवाही के बावजूद आयुक्त का मौन रहना संदेह को जन्म देता हैं।अगर आयुक्त अभी कार्यवाही न करेंगे तो हमें रास्ते पर उतर कर आंदोलन करना पड़ेंगा, इसकी समस्त जिम्मेदारी आयुक्त की होंगी।