Published On : Fri, Jul 6th, 2018

‘डोमिनोज’ को नहीं ग्राहकों के सेहत की चिंता, पिज्जा को लेकर मरीज़ों को नहीं दी जाती चेतावनी

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नागपुर – पिज्जा बनानेवाली कंपनी ‘ डोमिनोज़ ‘ द्वारा नियमों का उल्लंघन करने की जानकारी सामने आई है. पिज्जा बनाने के लिए जिस मैदे का उपयोग किया जाता है. उसमे दो प्रकार के मरीजों के लिए चेतावनी लिखी होती है. लेकिन पिज्जा के किसी भी पैकिंग पर ऐसी कोई भी चेतावनी नहीं दी जाती. जिससे कंपनी देश के नागरिकों के साथ धोखाधड़ी तो कर ही रही है साथ ही इसके सैकड़ों लोगों के स्वास्थ के साथ भी खिलवाड़ कर रही है. नागपुर के फ़ूड विभाग ने भी अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है. फिर भी कंपनी नियमों का उल्लंघन कर रही है. बावजूद इसके किसी भी प्रकार की कार्रवाई इस बड़ी कंपनी को लेकर नहीं की गई है. कंपनी पूरी तरह से देश के नागरिकों को गुमराह कर रही है. एंटी अडल्ट्रेशन कमेटी के चेयरमैन मो. शाहिद शरीफ ने कंपनी द्वारा गुमराह किए जाने की जानकारी सामने लायी है. एफडीए ने अपनी जानकारी में बताया है कि ‘फोर्टिफाइड ‘ वीट फ्लोर मैदे से डोमिनोज पिज्जा बनाया जाता है. मैदे की बोरी पर चेतावनी दी गई है कि ‘थैलेस्मिया और पीपल ऑन लो आयरन डाइट ‘ इसका सेवन नहीं कर सकते. लेकिन डोमिनोज ने इस चेतावनी को अपने प्रोडक्ट पर नहीं दिया है. एफडीए के अनुसार पिज्जा बनाते समय कर्मियों ने हाथों में ग्लबस भी नहीं पहने हुए थे. ड्राई वेयर हाउस में इसे बनानेवाले पदार्थ के साथ ही अखाद्य पदार्थ ब्रश, कपडे भी रखे हुए मिले. पिज्जा में मिलाए जानेवाले पनीर और मोजरिला पदार्थ का नमूना लिया गया. जिसमे कम दर्जे की उसकी गुणवत्ता दिखाई दी है. बावजूद इसके कार्रवाई अभी प्रलंबित है. खास बात यह है कि इतने सबूत होने के बाद भी अन्न विभाग ने अब तक इस बड़ी कंपनी पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की यह अब तक समझ से परे है.

एंटी अडल्ट्रेशन कमेटी के चेयरमैन मो. शाहिद शरीफ ने बताया कि बुटीबोरी स्थित जुबलियंट फ़ूड वर्क लिमिटेड में डोमिनोज पिज्जा निर्माण कर पांच राज्यों में भेजा जाता है. प्रतिदिन 5 से 6 ट्रक माल यहां बनाया जाता है. नियमानुसार जिस कच्चे माल से अन्य नामचीन पदार्थ निर्मित होता है. उसमें किसी भी प्रकार की एफएसएसआई नियमानुसार जनसूचना का उल्लेख देना अनिवार्य है. डोमिनोज पिज्जा का बेस जिस मैदे से बनता है उसका नाम ‘फोर्टिफाइड ‘ मैदा है. जो सिर्फ मुंबई में डोमिनोज पिज्जा के लिए ही निर्माणकर्ता है और अपने पैकिंग पैकेट में जनसूचना में उसने यह घोषणा है की ‘ नॉट रेकमेंडेड फॉर पीपल विथ थेलेस्मिया एंड पीपल ऑन लो आयरन डाइट. यह सुचना है साथ ही में ऐलर्जी की भी बात कही गई है. लेकिन डोमिनोज पिज्जा ने अपने ग्राहकों के साथ विश्वासघात किया है. नियम यह कहता है जिस कच्चे माल से सामग्री बनाई जा रही है. उसकी जानकारी देना अनिवार्य है. लेकिन डोमिनोज ने जानकारी छुपाने का कार्य किया है.12 जनवरी 2018 को की गई जांच में यह स्पष्ट हो गया है. शरीफ ने मांग की है कि इसकी जानकारी राज्य सरकार और केंद्र सरकार को भी भेजी जाए. क्योकि कंपनी और मामला बड़ा है. शरीफ का कहना है कि आरएनडी के तहत इसकी जांच भी गई है.

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शरीफ ने बताया कि नियमों के उल्लंघन के बावजूद भी आखिर नागपुर अन्न विभाग की ओर से डोमिनोज पिज्जा पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई है. उन्होंने अन्न विभाग पर यह भी आरोप लगाया है कि स्वदेशी कंपनी को नागपुर के अन्न विभाग की ओर से संरक्षण मिल रहा है. कंपनी पर कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने इस विरोध में कोर्ट जाने की भी तैयारी दर्शायी है.

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