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नागपुर: ग्रमीण भागों में सड़कों का जाल बिछाने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री सड़क विकास योजना शुरू की है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत राज्य में ग्रामीण भागों तक विकास की रफ़्तार पहुंचाने के उद्देश्य से इस योजना तैयार की गई है। ग्रामीण भाग के लिए महत्वपूर्ण इस योजना के विकास को लेकर मुख्यमंत्री के अपने जिले में संशय उठने लगा है।
दरअसल इस योजना के लिए राज्य सरकार ने जिला विकास निधी में से 15% राशी योजना में ख़र्च करने के संदर्भ में एक आदेश भी निकाला है। जिसमे 15% राशी को योजना में खर्च करना बंधनकारक है। पर नागपुर जिला नियोजन समिति ने योजना को निधि उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया है। इस संबंध में पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रस्ताव भी पास किया जा चुका है। डीपीसी द्वारा लिए गए इस फैसले से अब मुख्यमंत्री की महत्वकांशी योजना खटाई में पड़ती नजर आ रही है।
इस वर्ष डीपीसी निधि के तहत जिले के विकास के लिए 350 करोड़ की निधि का नियोजन है। बीते वर्ष 300 करोड़ रूपए विकास के लिए प्राप्त हुए थे। जिसमे 52 करोड़ रूपए जलयुक्त शिवार योजना के लिए खर्च किया गया था। इस वर्ष इसी योजना के लिए 25 करोड़ रूपए आरक्षित है। जिस वजह से 325 करोड़ रूपए जिले को मिलने वाले है। यह वर्ष चुनावो का वर्ष है, इसलिए सरकार की कोशिश है की ज्यादा से ज्यादा पैसे खर्च समय रहते किये जा सके। अगर सरकार के निर्देश का पालन किया जाये तो नियोजित राशि में करीब 50 करोड़ रूपए रास्तों के विकास के लिए खर्च किये जायेगे। सरकार के निर्देश के अनुसार 15% राशी मुख्यमंत्री सड़क योजना के लिए खर्च करना बंधनकारक है। पर इस काम के लिए पैसे उपलब्ध कराने से डीपीसी ने इनकार कर दिया है। अगर सडको के विकास के लिए नियोजित राशि में और 15 राशि जोड़ दी जाती तो निश्चित ही जिले का और विकास होता पर मुख्यमंत्री के जिले की जिला नियोजन समिति ने यह प्रस्ताव पारित कर खुद मुख्यमंत्री की योजना पर गंभीरता नहीं दिखाई है।