नागपुर: बजाज नगर थाना अंतर्गत प्राचार्य डा. मोरेश्वर वानखेड़े की हत्या को लेकर दिलीप नामक प्राध्यापक की भूमिका संदेह के घेरे में है। पुलिस ने इस दिशा में जांच शुरू कर दी है। हालांकि पुलिस अब तक यह पता नहीं लगा पाई है कि आखिर इस घटना का मास्टर माइंड कौन है। संदेह के घेरे में उसकी पत्नी, बेटी और बेटी का प्रेमी शुभम पहले से हैं। बजाज नगर के थानेदार ज्ञानेश्वर पाटील का मानना है कि इस घटना के पीछे किसी और का दिमाग काम कर रहा था। पुलिस को प्राध्यापक दिलीप की भूमिका पर शक है।
प्राध्यापक के साथ थी गहरी दोस्ती
इस प्राध्यापक की अनिता वानखेड़े के साथ गहरी दोस्ती होने की बात कही जा रही है। बजाजनगर पुलिस इस प्राध्यापक से पूछताछ करने वाली है। बजाजनगर थाने से मिली जानकारी के अनुसार डॉ. मोरेश्वर वानखेड़े (61) आैर अनिता (42) का 23 मई 1989 में विवाह हुआ था। उस समय अनिता की उम्र 18 वर्ष थी। अनिता गरीब परिवार की थी। मोरेश्वर, अनिता से उम्र में बड़ा था, लेकिन नौकरीवाला लड़का देख माता-पिता ने उसकी शादी कर दी। 1991 में अनिता ने सायली को जन्म दिया। उस समय मोरेश्वर धनवटे नेशनल कॉलेज में प्राध्यापक पद पर कार्यरत थे। अनिता को नामांकित शाला में शिक्षिका के रूप में नौकरी लग गई। दोनों का संसार सरल ढंग से चल रहा था। मोरेश्वर की नंदनवन में एक कॉलेज की प्राध्यापक के साथ दोस्ती हो गई। प्राध्यापक का मोरेश्वर के घर आना जाना शुरू हो गया। इस दौरान उस प्राध्यापक से अनिता की दोस्ती हो गई। अनिता का भी प्राध्यापक के घर आना-जाना शुरू हो गया। अनिता और प्राध्यापक के बीच गहरी दोस्ती हो गई। मोरेश्वर उन पर शक करने लगा। प्राध्यापक ने मोरेश्वर और अनिता के बीच बढ़ रहे मतभेद को समझकर उनके घर आना-जाना बंद कर दिया।
वरिष्ठ लिपिक से भी हुई थी मित्रता
प्राध्यापक से दोस्ती टूटने के बाद अनिता की दोस्ती कॉलेज के वरिष्ठ लिपिक से हो गई। इन दोनों की दोस्ती को लेकर मोरेश्वर को शक होने लगा। उसने मोरेश्वर और उनकी पत्नी को समझाया। इस बीच मोरेश्वर की 2008 में चंद्रपुर के कॉलेज में प्राचार्य के रूप में तबादला हो गया। मोरेश्वर ने नंदनवन कॉलेज के उस प्राध्यापक से संपर्क किया। दोनों के बीच दोस्ती हो गई। दोनों एक दूसरे के घर आने-जाने लगे। अनिता की फिर उस प्राध्यापक के साथ दोस्ती हो गई। मोरेश्वर को अनिता और अपने दोस्त के बीच दोस्ती को लेकर शक होने लगा। इस बात को लेकर मोरेश्वर अनिता के साथ मारपीट करने लगा। मोरेश्वर ने उस प्राध्यापक की पत्नी को अपने घर बुलाकर उसके और अपनी पत्नी के बारे में भला बुरा भी कहा था।
राजस्थान के “पिकनिक टूर’ को छिपाने से आई दिल में खटास
थानेदार पाटील की मानें तो अनिता आैर उसकी पुत्री सायली दिसंबर 2016 में राजस्थान-उदयपुर गई एक पिकनिक में सहभागी हुई थी। पिकनिक टूर में सायली का प्रेमी शुभम और अनिता का वह दोस्त भी साथ गया था। इस टूर के बारे में मोरेश्वर को अनिता ने कुछ भी नहीं बताया था। रिश्तेदारों के यहां जाने की झूठी जानकारी दी थी। टूर से वापस आने पर आठ दिन में अनिता की झूठ का राज खुल गया। इस कारण फिर मोरेश्वर को अनिता के चरित्र पर संदेह होने लगा। सूत्र बताते हैं कि , मोरेश्वर ने अजनी थाने में पत्नी और उसके दोस्त से जान को खतरा होने की शिकायत की थी। वानखेड़े दंपति का मामला “भरोसा सेल’ में गया था, लेकिन समुपदेशन से कोई बात नहीं बन पा रही थी।
शक के घेरे में दिलीप नामक प्राध्यापक घर फरार
बजाज नगर पुलिस को गोपनीय सूचना मिली की दिलीप नामक प्राध्यापक की भूमिका संदिग्ध है। डॉ. मोरेश्वर हत्याकांड में उसका हाथ है। दिलीप प्राध्यापक को पुलिस ने हत्या होने के बाद तीन बार फोन किया। तीनो बार दिलीप प्राध्यपक ने बजाज नगर पुलिस का फोन उठाया लेकिन पुलिस के बुलाने के बाद पुलिस को मिलने नहीं गया। पुलिस को टालमटोल फोन पर जवाब दिया और आखिर फोन स्विच ऑफ कर घर से फरार हो गया। पुलिस ने प्राध्यापक दिलीप को पकड़ने के लिए जाल बिछाकर रखा है। प्राध्यापक दिलीप की भूमिका को लेकर कोई भी पुलिस अधिकारी खुलकर बोलने को तैयार नहीं लेकिन सूत्रों के अनुसार पुलिस ने प्राध्यापक दिलीप पर धीरे धीरे शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।