नागपुर: बुलढाणा जिले के अकोली, घारोड, निरोड, लोखंडा व पाला इन पांच गावों के लगभग 12 हजार किसानों ने करीब 35 करोड़ रुपए की कर्ज माफी की मांग की है. विधानभवन के दूसरे हफ्ते में गणेश टेकड़ी रोड पर अथार ग्रामीण विकास बहुउद्देशीय संस्था के बैनर तले यह मोर्चा निकाला गया था. जिसमें पीड़ित किसान मौजूद थे. सम्पूर्ण किसान कर्जमाफी के लिए पिछले दो हफ्ते से विधानभवन में विपक्ष की ओर से यह मुद्दा उठाया जा रहा है. लेकिन किसान की परिस्थिति में कोई सुधार नहीं दिखा रहा है.
गुरुवार को आए इस मोर्चे का नेतृत्व मुख्य आश्रयदाता गुणवंत पाटिल, अध्यक्ष अशोक मजुम्ले, स्वप्निल मजुम्ले ने किया. किसानों की मांग को रखते हुए पाटिल ने बताया कि इन पांच गांव में खेती के लिए जमीन उपयुक्त नहीं है. यहां पर सिंचाई की भी कोई व्यवस्था नहीं है. पिछले पांच वर्षों से यहां के किसान सूखाग्रस्त हैं. राज्य सरकार ने 2011 से इन पांच गावों के किसानों की फसल कर्ज के लिए पांच बार पुनर्गठित किया है, जिसके कारण किसानों पर कर्ज का बोझ बढ़ गया है. राज्य सरकार ने 67 नियमों के तहत केवल डेढ़ लाख तक के कर्ज माफ़ी की घोषणा की घोषणा की है. इन नियमों के कारण इन पांच गावों का एक भी किसान कर्ज मुक्त नहीं हो पाया है.
इस गांव में लगातार फसल की बर्बादी होने के कारण यहां का किसान कर्ज नहीं भर पा रहा है. पाटिल ने बताया कि यह गांव सूखाग्रस्त होने के बावजूद यहां पर युवाओं के लिए रोजगार की भी उपलब्धता नहीं है जानवरों के लिए चारा नहीं है, जानवरों के चारे के लिए सरकार द्वारा लगायी जानेवाली छावनियां भी नहीं बनाई गई हैं. राज्य सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की मदद इन गांवों में नहीं दी जाती. जिसके कारण किसानों ने विधान भवन पर आने का निश्चय किया. इन्होने कर्जमाफी की प्रमुख मांग के साथ ही अन्य 11 मांगों को भी सरकार के सामने रखा है.