नागपुर: नशा मुक्ति केंद्र के संचालकों के साथ-साथ निजी कूरियर व्यवसाय संचालकों की एक बैठक पुलिस आयुक्त कार्यालय, सिविल लाइन में नशीली दवाओं के उपयोग को रोकने के उद्देष्य से आयोजित की गई। इस समय यह निर्णय लिया गया कि नागपुर जिले को नशामुक्त किया जाएगा। निजी कोरियर पर विशेष ध्यान दिया जाए ताकि इस बैठक में नशीले पदार्थों की मांग व आपूर्ति न हो। साथ ही डाक विभाग में आने वाले मेल और पार्सल का भी बारीकी से निरीक्षण किया जाए। पार्सल रिसीवर के पहचान पत्र के साथ मोबाइल नंबर लिया जाना चाहिए और सीसीटीवी फुटेज का कम से कम 15 दिन का बैकअप होना चाहिए। यह तथा अन्य अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। शहर में वर्तमान में 16 नशामुक्ति केंद्र हैं।
इसमें 2 सरकार द्वारा संचालित हैं और 14 निजी केंद्र सहित कुल 16 केंद्र चल रहे हैं। कुल 345 मरीज शराब की लत और 32 नशे की लत का इलाज करा रहे हैं। चर्चा की गई कि नशा करने वालों की एनडीपीएस टीम के माध्यम से तलाश की जाए और नशामुक्ति केंद्रों में भर्ती कर अपना विचार बदला जाए और शहर के नशा तस्करों के बारे में गोपनीय जानकारी दी जाए। इसी तरह शहर में 63 निजी कुरियर कंपनियां हैं।
निजी कोरियर पर विशेष ध्यान दिया जाए ताकि इसके माध्यम से नशीले पदार्थों की मांग व आपूर्ति न हो, डाक विभाग में आने वाले निजी कोरियर, मेल और पार्सल का बारीकी से निरीक्षण किया जाए, इस आशय के निर्देश दिए गए। अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त की अध्यक्षता में नशा पर अंकुश लगाने और नागपुर जिले को नशा मुक्त बनाने के लिए एक बैठक हुई। इस अवसर पर कुरियर एवं नशा मुक्ति केंद्र के निदेशक गण उपस्थित थे।