नागपुर: शराब पीकर वाहन चलानेवालों से होनेवाली दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए शहर पुलिस ‘ड्रंक एंड ड्राइव’ मुहीम चलाती है. नियमों के तहत उम्मीद की जाती है कि शराब पीकर वाहन चलानेवालों पर पुलिस कार्रवाई करेगी, लेकिन इस सिलसिले में पुलिस विभाग की कार्रवाई पूरी तरह पाक साफ नहीं. सूत्र बताते हैं कि पुलिस की लिस्ट में ऐसे तकरीबन आधा दर्जन मयखाने हैं जहां से शराब पीकर वाहन चलानेवालों पर कार्रवाई का डंडा नहीं बरसता.
मालूम हो कि शहर में ईस्टर्न स्पोर्ट्स क्लब, इंडियन जिमखाना क्लब, सीपी क्लब, गोंडवाना क्लब, ऑफिसर्स क्लब, महाराजबाग क्लब , प्रेस क्लब सहित कई और भी क्लब इस गुड लिस्ट में शामिल है. इसके अलावा शहर के आलीशान तारांकित होटलों में भी जमकर शराब परोसी जाती है. यहां पहुँचनेवालों की तादाद तकरीबन चार से पांच हजार है. लेतिन यहां भी कार्रवाई न के बराबर होती है.
बड़े होटलों और क्लब से भी साठगांठ के आरोप दबी जुबान में हो रहे हैं. क्यूंकि जिस होटल या क्लब से निकलते ही धरे जाने पर उसकी ग्राहकी घटने का खतरा बना रहता है. लिहाजा ऐसी कार्रवाइयों से बचने के लिए बड़े होटल और क्लब पहली पसंद बनते जा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर आम बार,वाइन शॉप और अन्यत्र जगह से पीकर निकल वाहन चलते पकड़ने का क्रम जारी हैं. इस चक्कर में जब्त किए गए वाहन को छुड़ाने में असमर्थ लोग अपने वाहन से महरूम म हो गए.
आबकारी विभाग भी पियक्कड़ों पर मेहरबान आबकारी विभाग के नियमानुसार प्रत्येक पीने वालों को पीने का लाइसेंस लेना अनिवार्य है. शहर में रोजाना खपत के हिसाब से पीने वालों के लाइसेंस की संख्या न के बराबर है. अर्थात गैर क़ानूनी ढंग से शराब पीने और वहन करनेवालों की ओर से आबकारी विभाग आंखें मूँदे बैठा है