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नागपुर: शहर में होने वाले ज्यादातर एक्सीडेंट में शराब पीकर वाहन चलाने वाले ही जिम्मेदार होते हैं. वे अपनी जान तो जोखिम में डालते ही हैं, साथ ही उन्हें दूसरों की जान की भी परवाह नहीं होती. इसीलिए बार-बार शराब पीकर पकड़े जाने वालों के खिलाफ पुलिस कमिश्नर भूषणकुमार उपाध्याय ने सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है. डीसीपी ट्राफिक राजतिलक रौशन ने सभी ट्राफिक जोन को शराब पीकर वाहन चलाते पकड़े गए लोगों का रिकार्ड जमा करने के निर्देश दिए. न्यायालय ने भी इसके में सख्ती दिखाते हुए एक व्यक्ति को 2 बार दोगुना जुर्माने की सजा सुनाई है.
सीताबर्डी ट्राफिक जोन के इंचार्ज इंस्पेक्टर जयेश भांडारकर ने बताया कि शहर में एक्सीडेंट रोकने के लिए यह पहल की गई है. केवल उनके ही नहीं, बल्कि शहर के सभी ट्राफिक जोन में शराब पीकर पकड़े गए वाहन चालकों का कंप्युटराइज्ड रिकार्ड मेंटेन किया जा रहा है. किसी भी वाहन चालक के पकड़े जाने पर एक्सल शीट पर उसकी एंट्री की जा रही है. केवल नाम डालते ही वाहन चालक द्वारा पूर्व में किए गए अपराध का ब्यौरा सामने आ जाएगा. वह कितनी बार शराब पीकर पकड़ा जा चुका है, इसकी जानकारी मिलेगी. उसी के हिसाब से पुलिस न्यायालय में केस दायर करेगी. साथ ही न्यायालय के समक्ष पूरा रिकार्ड रखा जाएगा.
…तो भेजा जाएगा जेल
भांडारकर ने बताया कि न्यायालय ने भी इस पर सख्त रुख अपनाया है. सीताबर्डी निवासी प्रवीण मनोहर बुरडकर (36) को पुलिस ने 7 दिसंबर को शराब के नशे में वाहन चलाते पकड़ा था. कंप्युटर पर उसका नाम डालते ही पता चल गया कि 1 महीने में वह तीसरी बार पकड़ा गया है. पहली बार तो न्यायालय ने उसपर 2,500 रुपये का जुर्माना लगाया था, लेकिन इस बार न्यायालय में दोषारोप पत्र पेश करते समय पुलिस ने उसका पुराना रिकार्ड भी सामने रखा. न्यायालय ने प्रवीण को 2 नए मामलों में 5-5 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई.
साथ ही यह भी चेतावनी दी कि यदि अगली बार वह शराब पीकर वाहन चलाते पकड़ा गया तो सीधे जेल भेज दिया जाएगा. अब तक वाहन चालक न्यायालय में जुर्माना भरकर छूट जाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. शासन का उद्देश्य केवल मोटा जुर्माना वसूलना नहीं है, बलिक लोगों को शराब पीकर वाहन चलाने से रोकना है. इस मामले में ट्राफिक के अपराध अभिलेख विभाग के कांस्टेबल पुरुषोत्तम कालमेघ और ममता यादव का विशेष योगदान रहा.