
Photo courtesy: Rajesh Tikle Lokmat
नागपुर– नागपुर के दीक्षाभूमि पर 14 अक्टूबर 1956 को डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने अपने लाखों अनुयायियों के साथ बौद्ध धम्म अपनाया था. उसके बाद से हर वर्ष पूरे भारतवर्ष समेत विदेशों से भी बौद्ध धर्म से जुड़े लोग यहां बाबासाहेब और भगवान बुद्ध को नमन करने आते है.
हर साल 14 अक्टूबर के साथ ही विजयादशमी के दिन भी यहां कार्यक्रम होते थे. जिसमें लाखों की संख्या में लोग होते थे. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते दीक्षाभूमि स्मारक समिति में होनेवाले कार्यक्रमो को रद्द कर दिया गया है. जिसके बाद सभी अनुयायियों से यह अपील की गई है कि वे घर में ही धम्म चक्र प्रवर्तन दिन खुशी से मनाए.
कोरोना संक्रमण को देखते हुए डॉ.आंबेडकर दीक्षाभूमि स्मारक समिति ने इस साल धम्मचक्र प्रवर्तन दिन पर आयोजित होनेवाली धम्मपरिषद और मुख्य धम्म समारोह को रद्द करने का निर्णय लिया गया है. समिति ने दीक्षाभूमि पर भीड़ नही करने की अपील की है.