शिक्षा विभाग की लापरवाही का खामियाजा भुगतने के पालक:मो शाहिद शरीफ़
मुफ़्त शिक्षा के अधिकार में प्रवेश प्रक्रिया की अल्प विधि के कारण हज़ारों की संख्या में आवेदनों की पुष्टि करना असंभव जहाँ ६१०५ सीटों में से ४४७ को प्रवेश निश्चित किया गया है वहीं दूसरी ओर लोगों की शिकायतें आना शुरू हो चुकी है की पालक उस स्थान में रहते नहीं है बोगस रहवासी दाख़िला रेंट एग्रीमेंट बनाकर प्रवेश प्रक्रिया में शामिल हुए ऐसी परिस्थिति में इनकी जाँच करना इतनी अल्प विधि में कैसे संभव हो सकता है
शासन निर्णय के अनुसार ऑनलाइन प्रक्रिया के अध्यक्ष उप संचालक प्रति वर्ष सभा लेकर प्रक्रिया को सुनिश्चित करते थे लेकिन उपसंचालक द्वारा कोई सा बाहर ही नहीं गई ।
बोगस प्रवेश ज़िम्मेदारी उप संचालक शिक्षण विभाग की क्योंकी आवेदनों की पुष्टि किये बग़ैर प्रवेश देना ये नियम का उल्लंघन है और इस कारण इस सत्र में सर्वाधिक बोगस प्रवेश शिक्षा विभाग के आशीर्वाद से दिए जाएंगे और ये मुफ़्त शिक्षा का अधिकार का उल्लंघन और इसके लिए पालकों ने प्रशासन से आग्रह कर की बोगस प्रवेशों को रद्द करवाना चाहिए क्योंकि विगत वर्ष में बोगस पाए गए एडमिशन अभी तक रद्द किये नहीं गए और इसके लिए
आर् टि इ एक्शन कमेटी के चेयरमैन मोहम्मद शाहिद शरीफ़ ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था जिसमें जाँच के बाद ग्रामीण BRC के प्रवेश बोगस पाए गए थे लेकिन वो निरस्त नहीं किए गए ।
शिक्षण विभाग माननीय उच्च न्यायालय का हनन करते हुए दिखाई दे रहा है कि न्यायालय के आदेश के अनुसार स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं शिक्षा क्षेत्र में कार्य करने वाली के प्रतिनिधि को लेना अनिवार्य है लेकिन अब शिक्षा विभाग ने ज़िले के बाहर की संस्थाओं को प्रतिनिधित्व दिया है।