नागपुर: जनता और राजनीतिक दलों के भारी विरोध के चलते नागपुर महानगर पालिका ने संपत्ति कर में रिआयत देने का फैसला लिया है। बुधवार को महापौर की अध्यक्षता में संपत्ति कर के निर्धारण को लेकर विशेष बैठक आयोजित की गई थी जिसमें कई अहम फैसले लिए गए। बैठक में 6 निर्णय लिए गए जो आम नागरिको के लिए मनपा द्वारा लागू की गई नई कर प्रणाली में राहत प्रदान करती है।
बैठक में जो फैसले लिए गए वह इस प्रकार है।
– जिन निवासी ईमारतो में अतिरिक्त निर्माण कार्य नहीं किया गया है ऐसे संपत्ति धारकों से दोगुने से ज्यादा संपत्ति कर वसूला नहीं जायेगा। इसके अलावा जिन व्यावसायिक ( अनिवासी ) ईमारतों में अतिरिक्त निर्माणकार्य किया गया होगा यानि ( change in type of structure ) किया गया होगा उसे छोड़कर जो संपत्ति पहले की तरह यथावत होगी उनसे तीन गुणा से ज्यादा कर वसूला नहीं जायेगा।
– महानगर पालिका द्वारा 4 मार्च 2015 को लिए गए निर्णय के अनुसार संपत्ति में किरायेदारों से संपत्ति मालिक को मिलने वाले मासिक किराये के तीन गुणा अनुपात में कर वसूलने का निर्णय लिया गया था। इस निर्णय में बदलाव करते हुए अब नियम के अनुसार संपत्ति के इस्तेमाल के आधार पर कर वसूला जाएगा।
– जमीन में हुए ईमारत के निर्माण कार्य में 15% निर्माणकार्य को छोड़कर 85 % निर्माण कार्य पर कर वसूला जायेगा। 15 फ़ीसदी जगह के निर्माण कार्य में बालकनी,स्नानघर,आंगन,संडास को कर के दायरे से बहार रखने का प्रावधान किया गया है।
– नए कर पद्धत्ति के अनुसार कर मार्च 2018 तक वसूला नहीं जायेगा। यानि चालू वित्तीय वर्ष या उससे पहले का भुगतान पुराने रेट से ही किया जा सकता है। डिमांड निकलने के 90 दिनों के भीतर या मार्च 2018 तक संपत्ति धारक कर का भुगतान कर सकते है। कर भरने में देरी होने के बाद 2 % की दर से दंड वसूला जाता है जो मार्च 18 तक नहीं वसूला जाएगा।
– चालू आर्थिक वर्ष का मई 2018 के भीतर भुगतान करने पर 4 % की छूट और 30 नवंबर 2017 तक छमाही कर भुगतान पर 2 % की छूट देने का फैसला मनपा द्वारा लिया गया है।
-राज्य सरकार के 12 सितंबर 1979 को निकाले गए अध्यादेश के अनुसार 1500 स्क्वेयर फ़ीट के निर्माण कार्य पर 10 % की दर के संपत्ति कर वसूला जाता है जिसे 2 हजार स्क्वेयर फ़ीट या उससे ज्यादा की जमीन की संपत्ति पर वसूलने की अपील मनपा राज्य सरकार से करेंगी।
गौरतलब हो की नागपुर महानगर पालिका ने संपत्ति कर की नई दरों को लागू किया है। जिस वजह से कर दोगुने से ज्यादा हो चुका है। मनपा द्वारा बढ़ाई गई दरों का जबरजस्त विरोध भी हो रहा है। जनता के बीच फैली नाराजगी को कम करने की दृष्टि से कुछ फ़ैसले लिए गए है। मनपा आयुक्त अश्विन मुदगल के अनुसार महानगर पालिका द्वारा इन दिनों शहर की संपत्ति के मूल्यांकन का काम शुरू है। आईटी कंपनी के मदत से इस काम को अंजाम दिया जा रहा है। अब तक शहर की तीन लाख 60 हजार प्रॉपर्टी का मूल्यांकन किया जा चुका है जिसमे से लगभग डेढ़ लाख लोगों को टैक्स डिमांड भेजा भी जा चुका है। लेकिन मनपा द्वारा किये गए इसी मूल्यांकन में भारी चूक की जानकारी भी सामने आयी है।
कंपनी द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के आधार पर मनपा ने संपत्ति धारकों को डिमांड भेज दी जिसका खामियाजा आम नागरिकों को उठाना पड़ रहा है। लेकिन मनपा आयुक्त ने साफ़ किया है की जनता को परेशानी न हो इसलिए अब डिमांड के साथ (15/3 ) नोटिस दिया जा रहा है। अगर किसी को लगता है की उसके संपत्ति के मूल्यांकन में गलती हुयी है तो वह उसकी शिकायत फॉर्म को जमा करा कर कर सकता है। शिकायत पर मनपा अपनी तरह से आकलन कर इसमें सुधार करेगी। जिन्होंने भी प्राप्त डिमांड भर दिया है और उसमे उन्हें ज्यादा पैसे देने पड़े है तो ऐसे संपत्ति धारकों को आगामी वित्तीय वर्ष के डिमांड में भुगतान की गई रकम का समायोजन किया जाएगा।