– आकाशीय गंगा सागर जल के कहर से एशबंड धराशायी करोड़ों का नुकसान
नागपुर: महाराष्ट्र राज्य विधुत मंडल स्थापत्य निर्मिती-1, मुख्यालय एकस्ट्रेला बैटरी हाऊस धारावी मुंबई मे कार्यरत तत्कालीन डिजाइनर की अनभिज्ञता का नतीजा पावर प्लांटों के राख बंधारा धराशायी होने का खतरा मंडराने लगा है। परिणामतः सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लग रहा है। आल इंडिया सोसल आर्गनाइजेशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ समाज सेवी पत्रकार श्री टेकचंद सनोडिया शास्त्री बताते हैं कि राख बंधारा मे मुसलाधार बारिश से जमा अथाह आकाशीय गंगा जल निकासी के लिए बांध के विपरीत स्थल पर नहर नुमा निकासी द्वार निर्माण का उल्लेख डिजाइन मे नही किया है? जबकि लोक निर्माण विभाग (CPWD) तथा जलसंसाधन सिंचाई विभाग के निर्माणाधीन बांधों की डिजाइनों मे ओव्हर फ्लो निकासी के लिए बांध के विपरीत स्थल पर नहर नुमा निकासी द्वार निर्माण का उल्लेख मिलता है।
राख बंधारा का ओव्हर फ्लो निकासी कुंआ फैल
डिजाइनर के मुताबिक़ पावर प्लांटों का राख मिश्रित पानी निकासी के लिए राख बांध के समीप 3 मीटर गोलाकार व्यास के कुंआ का निर्माण किया गया है। कुंआ की निचली तह मे पौन मीटर व्यास के सीमेंट पाईप लाईन फिट किया गया है ताकि एशबंड प्लांट की तह मे राख जमा होगी और फिल्टर पानी उक्त भूमिगत कुंआ के भूमिगत पाईप लाईन के जरिए फिल्टर वाटर नाले मे छोडा गया और नाला के जरिए वह पानी नदी में छोडा गया है। डिजाइन के अनुसार एशबंड प्लांट का कुंआ फिल्टर पानी निकासी के लिए ठीक है? परंतु भारी भरकम घनघोर बारिश के अथाह आकाश गंगाजल ओव्हर फ्लो निकासी हेतु एशडैम कुंआ ऊंट के मुंह मे जीरा प्रतीत हो रहा है
ज्ञातव्य है कि विगत जुलाई 1996 मे हूई मुसलाधार बारिश मे भी इसी प्रकार की अनेक घटनाएं हूई थी। महानिर्मिती के अधिकारियों तथा अभियंताओं को भलीभांति मालुमात हैं कि वर्षा ऋतु में नैसर्गिक (प्राकृतिक) आपदा की पुनरावृत्ति हो सकती हैं। यह बात विधुत स्थापत्य मुख्यालय के तत्कालीन डिजाइनर के ध्यान में नहीं लाया गया। अधिकारी अभियंताओं ने यह कार्य डिजाइनर पर छोड दिया?जबकि डिजाइनर को घटना स्थल की सुचवेशन और नैसर्गिक आपदा की आकस्मिक घटना मालुमात होती नहीं? डिजाइनर को आकस्मिक परिस्थितियों से अवगत करवाने की आवश्यकता होती है?
बांध परियोजना की डिजाइन में ओव्हर निकासी की व्यवस्था
ज्ञातव्य है कि केन्द्रीय सरकार एवं राज्य सरकार की बांध परियोजना जलाशय की डिजाइनों में आकस्मिक नैसर्गिक आपदाओं से निबटने के लिए उपाय योजना कार्यान्वित की जाती है।उदाहरण के तौर पर घनघोर एवं मुसलाधार बारिश से जमा अथाह आकाश गंगा के जल निकासी के लिए बांध के विपरीत स्थल पर नहर नुमा निकासी द्वार निर्माण का उल्लेख डिजाइनों में मिलता है?
एशबंड प्लांट की नीव फाउन्डैशन निर्माण मे कोताही
विधुत स्थापत्य मंडल की डिजाइन में पावर प्लांटों के राख बंधारा निर्माण कार्यों के लिए राख मिट्टी मुरुम की परत दर परत बिछाकर वजनी रोड रोलर मशीन से घोटाई करने का उल्लेख डिजाइन शैड्यूल तथा निविदा नियम और शर्तों मे मिलता है।परंतु किसी भी क्षण संभावित आकस्मिक नैसर्गिक आपदाओं जैसे मुसलाधार बारिश से जमा अथाह जल निकासी के बिना राख मिट्टी मुरुम से निर्मित बंधारा को धराशायी होने से कोई रोक नहीं सकता है।
एशबंड प्लांट की डिजाइनों मे संशोधन जरुरी
वर्तमान परिस्थितियों से सबक लेकर महानिर्मिती के वरिष्ठ अधिकारियों ने एशबंड की डिजाइन में संशोधन की आवश्यकता महसूस की जा रही है? उदाहरण के तौर पर एशबंड के भौगोलिक परिसर के चौतरफा भूमिगत आर सी सी कांक्रीट नुमा फाउन्डेशन (नीव) का निर्माण तथा ग्राउन्ड लेवल के ऊपर 10 से 15 मीटर चौड़ाई के बीचों बीच राख मिट्टी मुरुम की परत दर परत बिछाकर वजनी रोड रोलर मशीन से घोटाई करने तथा बांध के आंतरिक और वाहरी भागों में 1-1मीटर मोटाई का स्लोपिंग आर सी सी कांक्रीट दीबार के निर्माण का उल्लेख डिजाइन शैड्यूल तथा निविदा नियम और शर्तों मे उल्लेख किया जाना चाहिए। एशबंड की संभावित 100 उंचाई वाले ऊपरी तह में यह स्लोप घटकर 5 मीटर होना चाहिए। इसके अलावा कृषकों, ईंट भट्टा धारकों तथा सडक रास्ता निर्माताओं को राख निकासी-वितरण की व्यवस्था नियमित रूप से शुरु रखना चाहिए।