नागपुर: शहर के सोहेल शेख ने एक इको फ्रेंडली बाइक बनाकर सभी को आश्चर्य चकित कर दिया है। सोहेल एक साधारण परिवार से है। बड़ा भाई फैजान एसबीआई में कार्यरत है। माता रज़िया शेख गृहणी है। परिवार नमाज रोज़ों का पाबंद है। सोहेल ने 10वीं की पढ़ाई करते-करते ही छोड़ दी। उसकी दिलचस्पी पुराने मॉडल का आधुनिकीकरण करने की है। सोहेल ने 2019 में सबसे पहले जुगाड से 8-9 फीट लंबी और साढे तीन फीट ऊंची एक सीट वाली साइकिल 2 माह में तकरीबन 1500 रुपए के खर्च से बना ली थी। उसने बताया कि साइकिल का अगला टायर सामान्य था और पिछला टायर एडवेंचर साइकिल की तरह था। इसका वजन लगभग 25 किलोग्राम था।
लेकिन शॉकप प्रणाली ठीक न होने के कारण यह प्रोजेक्ट सफल नहीं हो पाया। सोहेल ने बताया कि बचपन में उसने पानी की मोटर और एंगल ग्राइंडर बनाने के बाद खाद्य तेल टीन से एक आधुनिक तर्ज़ का कूलर भी बनाया था। रिमोट कंट्रोल कार के स्क्रैप और विभिन्न पार्ट्स के सहयोग से 400 रुपए के खर्च पर उन्होंने एक रोबोट भी बना लिया था, लेकिन उसमें दिक्कत यह थी कि उसके दोनों हाथ एक साथ उठते थे। जर्मनी की सोल मोटर्स कंपनी की इलेक्ट्रिक बाइक देखकर उनकी इच्छा पेट्रोल बाइक बनाने के प्रति पैदा हुई फिर 5000 रुपए में होंडा स्टेनर खरीद कर बाइक बनाने का कार्य आरंभ किया।
इंजन में परेशानी जरूर हई थी। इस बाइक के इंजन से बाइक का व्हील तो कनेक्ट हो गया था लेकिन एक्टिवेट करने वाला व्हील असफल रहा। उसे सफल बनाने के लिए आवश्यक परिवर्तन कर हब का एलाइनमेंट करने से पिछले व्हील का कार्य सफल हो गया। सामने के पहिए के लिए एक्सेस 125 को इस बाइक के शॉकअप में परिवर्तित किया गया। चेसिस का सामान उन्हें अनिल फेब्रिकेशन ने स्क्रैप से मुफ्त में दिया था।
आवश्यकता के अनुसार घर पर ही उसने कटिंग कर चेसिस बनाया। इस के लिए आवश्यक पाइप बाज़ार से लाया जो कि लोहे से बना 5 वर्ग इंच क्षेत्रफल का था। फिर स्टोव की टंकी के सेट न होने पर तीन बाई तीन इंच का राउंड पाइप लाकर फ्यूल टैंक बनाया। इसके ऊपर नीचे छिद्र कर ऊपर टंकी का ढक्कन और नीचे कार्बोरेटर के लिए कनेक्शन दिया गया। इसमें इंजन होंडा स्टेनर का उपयोग में लाया गया। होंडा स्टनर के शॉक अप का आवश्यकतानुसार आधुनिकीकरण किया गया। इस असाधारण सफलता के बाद सोहेल को सभी बधाई दे रहे हैं।