नागपुर: राज्य में हर साल नेट ( नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट ), सेट ( स्टेट एलिजिबिलिटी टेस्ट ) और पीएचडी पूरी करके हजारों विद्यार्थी रोजगार की तलाश में रहते है. असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए यह तीनों ही पात्रता चाहिए. सैकड़ों विद्यार्थी असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के पद पर नौकरी मिले इस उद्देश्य को ध्यान में रखकर रात- दिन मेहनत करके यह परीक्षाएं पास करते है. लेकिन राज्य सरकार ने 2014 से पदभरती बंद कर रखी है.
जिसके कारण हजारों विद्यार्थी बेरोजगारी की मार झेल रहे है. राज्य में लगभग 11,500 पद खाली है. लेकिन उसे भरा नहीं जा रहा है. विद्यार्थियों ने पदभरती की मांग को लेकर कई बार प्रदर्शन भी किया है. बावजूद इसके सरकार विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने में लगी हुई है. शिक्षामंत्री विनोद तावडे से भी इस मुद्दे को लेकर विद्यार्थियों ने चर्चा की है. बावजूद इसके सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की गई है.
शहर के शिक्षक आमदार नागो गाणार ने असिस्टेंट पदभरती को लेकर अपनी नाराजगी जताते हुए शिक्षा मंत्री विनोद तावडे पर निशाना साधा है. गाणार हमेशा से ही शिक्षकों और विद्यार्थियों के विषय पर अपनी ही सरकार के खिलाफ खड़े हुए है. उनका कहना है कि शिक्षा मंत्री पदभरती को लेकर गंभीर नहीं है. वे केवल भाषण देने का काम करते है.
पीएचडी, नेट, सेट करनेवाले विद्यार्थियों को रोजगार नहीं देने से उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. गाणार ने बताया कि उन्होंने भी इस मुद्दे को लेकर शिक्षामंत्री से चर्चा की थी. लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया है.