दिल्ली में नगर निगम (MCD) के चुनाव की तारीखों का थोड़ी देर में ऐलान कर दिया जाएगा. दिल्ली चुनाव आयुक्त विजय देव शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि एमडीसी के चुनाव के लिए हम लोग पूरी तरह हैं. दिल्ली में 70 सीटें हैं. 68 विधानसभा सीटों पर 250 वार्ड हैं. यहां इलेक्शन करवाए जाएंगे. पिछली बार की ईवीएम का यूज किया जाएगा. 50 हजार से ज्यादा ईवीएम रखी गई हैं. सबसे पहले मॉक पोल होगा. नोट का इस्तेमाल होगा. वोटर की सुविधा के लिए फोटोग्राफ युक्त आईडी कार्ड दिखाना होगा. चुनाव में एक लाख से ज्यादा कर्मचारियों की तैनाती होगी. इनमें पुलिस भी शामिल होगी.
उन्होंने बताया कि चुनाव में 250 एआरओ होंगे. 2 हजार सेक्टर मजिस्ट्रेट होंगे. 68 जनरल ऑब्जर्वर तैनात होंगे. दिल्ली में आज से ही आचार संहिता लागू हो जाएगी. उसके बाद लगातार नियमों की निगरानी की जाएगी. मॉडल बुक ऑफ कंडक्ट की एक बुकलेट जारी की जाएगी. जिसमें सारे प्रावधानों का उल्लेख है. लाउडस्पीकर पर रोक रहेगी. इसके लिए परमीशन लेनी होगी. आज से अवैध होर्डिंग्स व पोस्टरों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई होगी. रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर की परमीशन लेकर बजा सकेंगे. उम्मीदवारों का नामांकन 68 स्थानों पर सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक होगा. पुलिस को भी उचित सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिए गए हैं. उम्मीदवार 5.75 लाख से बढ़ाकर 8 लाख रुपए तक खर्च कर सकता है.
बता दें कि दिल्ली नगर निगम की 250 सीटें हैं. इनमें से अनुसूचित जाति (SC) के लिए 42 सीटें आरक्षित की गई हैं. जबकि महिलाओं के लिए भी 50 फीसदी सीटें आरक्षित रहेंगी. इन सभी सीटों को चिन्हित कर लिया गया है. दिल्ली नगर निगम के वार्डों के परिसीमन के बाद केंद्र सरकार ने 18 अक्टूबर को एक नोटिफिकेशन जारी किया था. नोटिफिकेशन में आयोग ने कहा था कि मुख्य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा संशोधित मतदाता सूची की अंतिम तिथि 1 जनवरी, 2022 है, इसे एमसीडी चुनावों के लिए मतदाता सूची के रूप में माना जाएगा. अधिकारियों ने कहा था कि इसका मतलब है कि जो लोग 1 जनवरी, 2022 तक मतदाता बने, वे ही आगामी एमसीडी चुनाव में अपना वोट डाल सकेंगे.
पहले 272 सीटें थीं
इससे पहले दिल्ली नगर निगम में 272 सीटें थीं. पहले उत्तरी और दक्षिण नगर निगम 104-104 पार्षद सीटें थीं, जबकि पूर्वी दिल्ली में 64 सीटें हुआ करती थीं, लेकिन एकीकरण और परिसीमन के बाद 250 सीटें हैं. दिल्ली के 21 विधानसभा क्षेत्रों में एक-एक वार्ड कम किए गए हैं तो एक विधानसभा में सीट बढ़ी भी है. इस तरह दिल्ली में 250 वार्डों में पार्षद के चुनाव होंगे.
पहले इतनी थी वार्डों की संख्या
दिल्ली में 1 जनवरी 2022 तक करीब 1.48 करोड़ मतदाता थे. गृह मंत्रालय (MHA) ने बीते मंगलवार को एमसीडी के परिसीमन के बाद नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसके बाद एमसीडी चुनाव को लेकर रास्ता साफ हो गया था. गृह मंत्रालय द्वारा जारी 800 पन्नों के नोटिफिकेशन में कहा गया कि दिल्ली में नगर निगम के वार्डों की संख्या अब 250 होगी. नगर पालिका के एकीकरण से पहले 70 विधानसभा क्षेत्रों में 272 वार्ड हुआ करते थे.
निगमों का एकीकरण
दिल्ली में इस बार सरकार ने निगमों का एकीकरण कर दिया है. हालांकि निगम और सशक्त हो, जनता को ज्यादा लाभ मिले इसके प्रावधान एमसीडी एकीकरण एक्ट में नहीं हैं. इसके अलावा एक्ट में निगम के दिवालिया होने की वजह, पार्षदों और मेयर को पावरफुल बनने या मिलने वाले नए अधिकारों का कोई जिक्र नहीं है.
एमसीडी में 42 सीटें रिजर्व
दिल्ली नगर निगम की कुल 250 पार्षद सीटों में से 42 सीट को अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित किया गया है. 42 रिजर्व सीटों का फैसला दिल्ली का राज्य निर्वाचन आयोग चिन्हित और आरक्षित करके नोटिफिकेशन जारी करेगा. वहीं, 50 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए रिजर्व रहेंगी. इस तरह महिलाओं, ओबीसी और सामान्य वर्ग वाली पार्षद सीटें होंगी. एमसीडी में सामान्य वर्ग के वार्डों में 50 प्रतिशत वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. इस तरह से अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित वार्डों में महिलाओं के लिए 21 वार्ड और सामान्य वर्ग 104 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे. आम तौर पर यह प्रक्रिया चुनाव की घोषणा करने से कुछ दिन पहले की जाती है. ऐसे ही ओबीसी के लिए 27 फीसदी सीटें आरक्षित करनी होगी.
डेढ़ करोड़ मतदाता
एमसीडी चुनाव में फिलहाल 1.49 करोड़ मतदाता है. दिल्ली के सभी मतदान केंद्रों की सूची को छह नवंबर तक तैयार करने का काम पूरा हो जाएगा. पोलिंग बूथवार मतदाताओं की सूची जारी की जाएगी. राज्य चुनाव आयोग दिल्ली विधानसभाओं के हिसाब से तैयार मतदाता सूची का ही इस्तेमाल आगामी निगम चुनाव में करेगा. ऐसे में 1500 मतदाताओं पर एक पोलिंग बूथ बनाए जा सकते हैं.
2800 पोलिंग स्टेशन
दिल्ली में 250 वार्ड में निगम चुनाव होंगे. दिल्ली विधानसभा के हिसाब से बने मतदाता सूची का इस्तेमाल एमसाडी चुनाव में होगा. पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान दिल्ली में 2860 पोलिंग स्टेशन पर कुल 13 हजार 760 मतदान बूथ बनाए गए थे, लेकिन यह निकाय चुनाव है. ऐसे में मतदाताओं की संख्या बढ़ी है, जिसके लिहाज से मतदान केंद्र संख्या पहले से ज्यादा होगी. जिला चुनाव अधिकारियों को निर्देश है कि पोलिंग स्टेशन जिस वार्ड के लिए बनाए जा रहे हैं, वे उसी की सीमा क्षेत्र में स्थित हो. एमसीडी चुनाव कराने के लिए बिहार के 12 जिलों से 30 हजार ईवीएम मंगाई गई हैं.
एक मेयर-एक कमिश्नर
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) तीनों इलाकों में बंटी हुई थी, जो उत्तरी दिल्ली, दक्षिण दिल्ली और पूर्वी दिल्ली के रूप में जानी जाती थी. मोदी सरकार ने मई 2022 में दिल्ली के तीनों निगमों को मिलाकर एकीकृत कर दिया. इस तरह एक एमसीडी हो गई है. दिल्ली एमसीडी में अभी तक मेयर, कमिश्नर और चीफ इंजीनियर तीन-तीन हुआ करते थे, जो अलग-अलग जोन के होते थे. एमसीडी के एकीकरण किए जाने के बाद अब मेयर, कमिश्नर और चीफ इंजीनियर एक-एक होंगे. उनके पास पहले से ज्यादा शक्तियां होंगी.
पार्षद चुनेंगे दिल्ली का मेयर
दिल्ली नगर निगम चुनाव में सीधे मेयर का चुनाव नहीं किया जाता बल्कि पार्षद के जरिए होता है. दिल्ली में 250 पार्षद के लिए चुनाव होंगे. ऐसे में जिस पार्टी के सबसे ज्यादा पार्षद जीतकर आएंगे, उस पार्टी का मेयर होगा. पार्षदों के जरिए मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव किया जाता है. पांच साल में हर एक साल पर मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन का चुनाव किया जाता है.Live TV