Published On : Fri, Aug 10th, 2018

एम्प्रेस मॉल : बिना मंजूरी तैयार कर रहा बिजली

Advertisement

नागपुर: केएसएल एंड इंडस्ट्रीज कम्पनी द्वारा निर्मित एम्प्रेस मॉल के खिलाफ कई विभागों द्वारा कार्रवाई किए जाने और मनपा की ओर से इसे असुरक्षित घोषित किए जाने के बावजूद इसके संचालन को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता चंदू लाडे और राकेश नायडू की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई. याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वकील का मानना था कि एम्प्रेस मॉल द्वारा क्रुड आइस से स्वयं बिजली निर्मित कर यहां के दूकानदारों को मुहैया कराई जा रही है.

हालांकि इस संदर्भ में स्पैनको, बिजली विभाग और एक्सप्लोसिव विभाग से इसकी जानकारी तो मांगी गई, लेकिन जानकारी नहीं दी गई. जबकि बिजली निर्माण को लेकर संबंधित विभागों से मंजूरी भी नहीं ली गई. सुनवाई के बाद न्यायाधीश भूषण धर्माधिकारी और न्यायाधीश झका हक ने यह जानकारी हलफनामा के साथ देने के आदेश दिए.

Gold Rate
Friday 21 March 2025
Gold 24 KT 88,800 /-
Gold 22 KT 82,600 /-
Silver / Kg 100,700 /-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

अदालत के आदेशों का पालन नहीं
गत सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वकील का मानना था कि जनहित याचिका पर हाईकोर्ट की ओर से कुछ आदेश जारी किए हुए हैं. उनके अनुसार अब तक प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है. जबकि कई तरह की खामियां अभी भी बरकरार है. अत: याचिका का निपटारा करने से उद्देश्य सफल नहीं हो सकेगा.

मनपा की ओर से हाईकोर्ट में दायर किए गए शपथपत्र में बताया गया कि बहुमंजिला इमारतों में अग्निरोधक उपकरणों की जांच को लेकर नियम निर्धारित है, जिससे अब नियमों के अनुसार हस्तलिखित जांच रिपोर्ट नहीं बल्कि निर्धारित प्रपत्र के अनुसार ही जांच रिपोर्ट तैयार होगी. इस संदर्भ में सभी अधिकारियों को दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. मनपा की ओर से बताया गया कि अग्निशमन उपकरण लगाए गए या नहीं इस संदर्भ में तीसरी एजेन्सी की ओर से भी प्रमाणपत्र दिए जाने का प्रावधान है. उक्त एजेन्सी के लिए भी प्रपत्र के अनुसार प्रमाणपत्र देने का बंधन डाला जा रहा है. अदालत का मानना था कि यदि बहुमंजिला शापिंग मॉल है, तो प्रत्येक मंजिल का अलग-अलग इन्स्पेक्शन किया जाना चाहिए था.

पहले कार्रवाई का नोटिस, बाद में स्थगित
याचिकाकर्ता के वकील का मानना था कि हाईकोर्ट के आदेश होने के बाद मनपा की ओर से एम्प्रेस मॉल को नोटिस दिया गया. 2 बार इस इमारत को घातक करार दिया गया. जिससे नियमों के अनुसार इस इमारत को खाली कराना चाहिए था. लेकिन मनपा ने जलप्रदाय और बिजली विभाग को पानी और बिजली बंद करने का पत्र जारी किया. यहां तक कि फायर फाइटिंग उपकरण नहीं होने से इसे घातक तो घोषित किया गया.

किंतु कार्रवाई पर बाद में रोक लग गई. सुनाई के दौरान अदालत का मानना था कि एम्प्रेस मॉल को मनपा की ओर से सील क्यों नहीं किया गया. हालांकि सुनवाई के दौरान मनपा की ओर से की गई कार्रवाई का लेखा-जोखा तो रखा गया, लेकिन अदालत ने इसे स्वीकृत करने से इंकार कर दिया.

Advertisement
Advertisement