अंकुश अग्रवाल ने लगाया आरोप
नागपुर: नागपुर शहर और मध्य भारत की प्लास्टिक के पाइप और पानी की टंकिया बनानेवाली चर्चित कंपनी ‘ प्लास्टो ‘ PLASTO के संचालको की धोखाधड़ी के मामले से ‘ नागपुर टुडे ‘ की ओर से सभी को अवगत कराया गया था. कंपनी के मूल संस्थापक मदनमोहन अग्रवाल के साथ-साथ परिवार के अन्य सदस्यों के साथ भी कई तरह के और भी धोखाधड़ी करने के आरोप मदनमोहन अग्रवाल के बेटे अंकुश अग्रवाल ने ‘ प्लास्टो ‘ PLASTO कंपनी के मौजूदा संचालको उर्मिला अग्रवाल, वैभव अग्रवाल, विशाल अग्रवाल, नीलेश अग्रवाल और श्रेया अग्रवाल पर लगाए है. अंकुश ने ‘ नागपुर टुडे ‘ से बातचीत में बताया उनकी माताजी रजनीदेवी अग्रवाल के नाम से पंजाब नेशनल बैंक और नागपुर सहकारी बैंक में भी अकाउंट खोले गए थे. माताजी की प्रॉपर्टी और सातनवरी के खेत ‘ प्लास्टो ‘ के संचालकों की ओर से बेचे गए थे. ‘ प्लास्टो ‘ PLASTO कंपनी में उनकी माताजी रजनीदेवी प्रमोटर थी और उनके शेयर कंपनी में थे. उनके शेयर भी धोखाधड़ी के तहत बेचे गए है. यही नहीं इसका पूरा पैसा उनकी माताजी के नाम से खोले गए फर्जी अकाउंट में डाले गए. इसके बाद यह पूरा पैसा उर्मिला अग्रवाल, वैभव अग्रवाल, विशाल अग्रवाल, नीलेश अग्रवाल इन्हीं लोगों के अकाउंट में ट्रांसफर किया गया है. इसी तरह से अंकुश अग्रवाल ने बताया की उनकी नानी येणुबाई के साथ भी इसी तरह की धोखाधड़ी की गई है. उनकी नानी का भी अकाउंट खोला गया था.
उनकी नानी के अकाउंट में जो पैसा था. वह पैसा भी मौजूदा ‘ प्लास्टो ‘ PLASTO के कंपनी के संचालको ने निकाले थे. एक ही इंडिविजुअल अकाउंट में दो लोगों की फोटो लगाई गई है. अंकुश ने बताया की ऐसा कैसा हो सकता है एक ही महिला की दो फोटो लगाई गई है. उन्होंने बैंक अधिकारियों और ‘ प्लास्टो ‘ PLASTO के मौजूदा संचालको के साठगांठ का आरोप भी लगाए है. उन्होंने बताया कि कई सालों से बैंक और इन लोगों की हमारे साथ धोखाधड़ी चल रही है. अंकुश ने एक और ख़ास बताई कि इस बारे में जब पुलिस प्रशासन को बताया गया और दबाव बनाया गया तो ‘ प्लास्टो ‘ PLASTO कंपनी के इन मौजूदा संचालको ने उनके पिता मदनमोहन अग्रवाल और मां रजनीदेवी अग्रवाल के बैंक अकाउंट में करीब सवा 2 करोड़ रुपए डाल दिए. लेकिन अंकुश अग्रवाल ने यह पैसे तुरंत जिनके अकाउंट से आए थे, उन्हें ट्रांसफर कर कर दिए. अंकुश का कहना है की यह भी एक तरह से धोखाधड़ी ही है. अंकुश ने बताया की ‘ प्लास्टो ‘ PLASTO के संचालको की तरफ से कभी जमींन बेच दी जाती है, तो कभी पैसा निकाल लिया जाता है, कभी पैसा डाल दिया जाता है. अंकुश ने बताया कि यह लोग अपनी मनमर्जी से काम कर रहे है.
जहां एक ओर तो सिग्नचेर मिसमैच,या अन्य कोई छोटी गलती पर भी होने पर बैंक अधिकारी और कर्मचार्री आम लोगों को परेशान करते है और उन्हें कई चक्कर बैंक के लगवाने पड़ते है. तो वही ‘ प्लास्टो ‘ PLASTO कंपनी बैंक के साथ साठगांठ कर यह सभी अवैध काम बड़ी चतुराई से कर रही है और नामी बैंक के बड़े अधिकारियों के कानों में जु तक नहीं रेंगी.
यह आश्चर्य वाली बात है.