Published On : Mon, Aug 13th, 2018

संपत्ति कर संकलन के नाम पर अवैध वसूली

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नागपुर: नागपुर मनपा का संवेदनशील विभाग आज के दौर में संपत्ति कर और जल कर विभाग है. इन विभागों में वर्षों से एक ही पद, एक ही टेबल,एक ही जोन व एक ही क्षेत्र में कई दर्जन कर्मी-अधिकारी तैनात हैं. जिसके कारण इन तैनात कर्मी-अधिकारी की विभाग में पकड़ काफी मजबूत होने से प्रशासन इनका तबादला करने के मामले में बौना साबित हो रहा है. जिसका फायदा उठा कर विभाग के अधिकारी-कर्मी संपत्ति कर धारकों से अवैध दोहन में लीन हैं.

विगत दिनों मनपा मुख्यालय में मंगलवारी ज़ोन अंतर्गत खलासी लाइन का एक निवासी एक निवेदन लेकर आया. उसका कहना था कि उसका प्लॉट २० बाय २० का है, जिस पर एक ध्वस्त मकान है, जिसमें अब कोई नहीं रहता. लेकिन मंगलवारी जोन के सम्पत्तिकर विभाग के ‘राज’ नामक एक कर्मी ने खलासी लाइन के उक्त प्लॉट धारक तुलसीराम काशीराम कोवे से संपर्क किया. उसे बकाया सह पूर्ण सम्पत्तिकर २२००० रुपए भरने का निर्देश दिया. इस संबंध में कोवे को मंगलवारी जोन में आने की सूचना देकर सम्पत्तिकर संबंधी एक सूचना पत्र जिस पर ‘राज’ का मोबाइल क्रमांक अंकित था,वह थमाया गया.

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इतनी बड़ी राशि के संपत्ति कर भरने की सूचना से कोवे सकते में आ गया कि उसका प्लाट ४०० वर्ग फुट का और उस पर ध्वस्त मकान का २२००० सम्पत्तिकर कैसे मुमकिन है. इससे निजात दिलवाने के लिए वह मनपा मुख्यालय में कक्ष-दर-कक्ष भटकता रहा.
सवाल यह है कि मनपा संपत्ति कर विभाग में शहर के सम्पत्तियों के हिसाब से कर्मी सह अधिकारियों का आभाव काफी हैं.और ऊपर से लेकर नीचे तक जो विभाग में तैनात दिख रहे एक ही स्थान,पद पर लम्बे अर्से से कुंडली मार बैठे हैं. क्यूंकि काम कर्मी-अधिकारी हैं, इसलिए सीमित कर्मी-अधिकारी का कार्यक्षेत्र काफी बड़ा हो गया है.

विभाग संवेदनशील होने से धांधलियां आये दिन सामने आती रहती हैं. कुछ पूर्व नगरसेवक आदि बढे सम्पत्तिकर अल्प करवाने का व्यवसाय कर रहे हैं. इसलिए मनपा को उम्मीद के अनुरूप आय नहीं हो रही. पिछले वर्ष सभी ज़ोन के ‘टॉप टेन’ सम्पत्तिकर बकायेदारों के संपत्ति के समक्ष ढोल-ताशे बजाये गए, उसके बाद कुछ ने पैसे भरे, कुछ ने आधे भरे तो कुछ के साठगांठ किये जाने की जानकारी मिली है.

मनपा प्रशासन से शहर के जागरुक नागरिकों ने मांग की है कि सम्पत्तिकर विभाग मनपा के हिसाब से काफी संवेदनशील विभाग है. इसलिए समय-समय पर विभाग में ऊपर से लेकर नीचे तक अधिकारी-कर्मियों का तबादला होना चाहिए. इस विभाग को शहर के हिसाब से कर्मियों की उपलब्धता भी करवाना मनपा प्रशासन की जिम्मेदारी है. तभी इस विभाग से भ्रष्टाचार ख़त्म और उम्मीद के अनुरूप आय होगी, जो कि आज समय की मांग है.

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