Published On : Mon, Jun 28th, 2021

गोंदिया से 5 करोड़ के नकली नोट बरामद , गिरोह का पर्दाफाश, 8 धरे गए

जाली नोटों पर बालाघाट और गोंदिया पुलिस की सर्जिकल स्ट्राइक

गोंदिया: बालाघाट और गोंदिया जिले के पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। पुलिस ने ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जिसके सदस्य भोले भाले लोगों को अपने जाल में फंसाकर , नकली नोटों को असली बताकर उसे ग्रामीण इलाकों में खपा रहे थे।

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वर्तमान में 8 आरोपी गिरफ्तार हुए हैं जिनमें 6 बालाघाट जिले के और 2 गोंदिया जिले के रहने वाले हैं।

पहली कार्रवाई बालाघाट जिले के बैहर सबडिवीजन के झांगुल गांव में हुई यहां से 8 लाख रुपए के जाली नोट जब्ती में आए थे आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि उनको कुछ लोगों ने सप्लाई किया है जो गोंदिया के रहने वाले हैं।

गोंदिया पुलिस का सहयोग लेकर गोंदिया जिले में रविवार 27 जून को छापामार कार्रवाई की गई यहां से 5 करोड़ के नकली नोट जप्त हुए हैं।

अब गोंदिया से पकड़े गए दोनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है इसकी प्रिंटिंग कहां होती है ?

बालाघाट के जिला पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने पत्र परिषद में जानकारी देते बताया- गोंदिया पुलिस और बालाघाट पुलिस ज्वाइंट ऑपरेशन चला रही है – जाली नोटों के सप्लाई की एक बड़ी चैन हमें मिली है बड़े अमाउंट के साथ ?

अभी तक 3 लेयर तक चैन पकड़ी है उनमें तो सप्लाई ही बता रहा है ,पकड़े गए 8 आरोपियों का पुलिस अपराधिक ट्रैक रिकॉर्ड खंगाल रही है।
जो जब्ती में हमें नोट मिले हैं उनमें 2000 के , 500 के , 200 के , 100 के , 50 के , 10 के , इस तरह के नोट है। ज्यादा क्वांटिटी 2000 के नोटों की है जिससे यह बड़ा अमाउंट हो गया। पेपर क्वालिटी ही हमारे कंसर्न का विषय है , बरामद नोटों की पेपर क्वालिटी, प्रिंटिंग क्वालिटी , कागज बहुत अच्छा यूज़ किया गया है इसलिए वह ज्यादा विश्वसनीय लग रहे हैं ?

आरोपियों का मकसद ऐसे छोटे स्थानों पर जहां जागरूकता की कमी है , जनता जल्दी भरोसा कर लेती है तो वहां इसको बेवकूफ बनाकर जाली नोटों को खपाए जाने की योजना थी।

कहां से नोट छापने की टेक्नोलॉजी , रिकूपमेंट , मशीनरी लाई गई ? तथा किस षडयंत्र के तहत इनको प्रिंट कराया गया तथा नोट खपाने में कितना कमीशन कितनी लेयर में बटा ,ओर उस कारखाने तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है।

जब तक हम उस कारखाने तक नहीं पहुंचेंगे जहां यह प्रिंट हो रहे थे तब तक यह नहीं कह सकते कि इसका सरगना हमारे हत्थे लग चुका है।
सप्लाई या प्रिंटिंग में जिन 3-4 संदिग्धों की भूमिका हो सकती है उनकी तलाश जारी है उन्हें पकड़ेंगे तो यह बात निकलकर आएगी की चैन कहां तक जुड़ी हुई है।

गोंदिया में जिस जगह से 5 करोड़ के जाली नोट बरामद हुए हैं वहां से कोई ऐसा रिकूपमेंट या प्रिंटिंग के काम आने वाली मशीनरी या रॉ मटेरियल पेपर हमारे हाथ नहीं आया है , संभवत वह कारखाना किसी अन्य जगह पर गोंदिया या बालाघाट में डाला गया हो उस दिशा में अभी हमारी जांच पड़ताल जारी है।

ग़ौरतलब है कि नोटबंदी के बावजूद देश में फेक करेंसी पर पूरी तरह से रोक नहीं लग पायी है , फिर एक बार नकली नोटों का कारोबार फल फूल रहा है, इसका खुलासा बालाघाट जिले के पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी के मार्गदर्शन तथा बैहर डिवीजन के उप विभागीय पुलिस अधिकारी आदित्य मिश्रा के नेतृत्व में गोंदिया पुलिस के साथ संयुक्त कार्रवाई में हुआ है।

इस तरह 2 दिनों की कड़ी मश्कत के बाद नकली नोट के मामले में 8 आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़े है जिनमें नन्हूलाल विश्‍वकर्मा (40 रा. सोनपुरी उकवा), अंनतराम पांचे (38 रा. रमगड़ी किरनापुर), राहूल मेश्राम (35 रा. सेवती किरनापुर), हरीराम पांचे (33 रा. विनोरा किरनापुर), सोहनलाल बिसेन (30 रा. रामगड़ी किरनापुर), हेमंत उके (30 रा. सेवती किरनापुर), मुकरू उर्फ मुकेश तवाडे (30 रा. कनेरी) सहित गोंदिया जिले के गोरेगांव थाना क्षेत्र के ग्राम घुमर्रा निवासी रामू उर्फ रामेश्‍वर मौजे (40) एंव डुग्गीपार थाना क्षेत्र के ग्राम कनेरी निवासी मुकेश उर्फ मुकरू तवाड़े का समावेश है।
इस मामले में बैहर थाने में अ.क्र. 168/2021 के भादवि की धारा 489 ,क, ख, ग ,घ, ड , 120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पकड़े गए आरोपियों को बैहर कोर्ट में पेश किया गया जहां से 5 को जेल रवाना किया गया तथा 3 को पुलिस रिमांड पर लिया गया है। आरोपियों से पूछताछ के बाद और भी खुलासे होने की संभावना है।

रवि आर्य

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