अणे, मनोहर, धर्माधिकारी, गिल्डा के नाम शीर्ष पर,
गड़करी की वापसी के बाद फ़ैसला
नागपुर। राज्य में महाधिवक्ता की नियुक्ति पर हलचलें तेज़ हो गई हैं. मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस द्वारा कई वरिष्ठ विधि विशेषज्ञों के नाम सुझाने के बाद अब केंद्रीय मंत्री गडकरी के विदेश यात्रा से लौटने के बाद इस मामले में अंतिम फ़ैसला लिया जाना तय माना जा रहा है. राज्य सरकार को बहुमत हासिल होने के 5 दिनों बाद भी न्यायिक क्षेत्र के महत्त्वपूर्ण महाधिवक्ता पद पर किसी की भी नियुक्ति नहीं की जा सकी है. इस पर विदर्भ के वरिष्ठ वकीलों में से एक सर्वोत्कृष्ट विशेषज्ञ की नियुक्ति की जानी है. जिनमें श्रीहरी अणे, सुनील मनोहर, सुबोध धर्माधिकारी, जुगलकिशोर गिल्डा प्रमुख हैं. इसी सप्ताह 20 तारीख तक नितिन गडकरी भारत लौट रहे हैं. उसके बाद मंत्रिमंडल के विस्तार और महाधिवक्ता की नियुक्ति जैसे महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए जायेंगे.
मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने इस बात से अवगत कराया है. राज्य सरकार को न्यायिक मामलों की सलाह देने की महती जवाबदारी महाधिवक्ता पर होती है. कई मुद्दों की अड़चनों पर सरकार के पक्ष को महाधिवक्ता ही रखता है. इसके अलावा न्यायालय में किसी याचिका द्वारा चुनौती मिलने पर महाधिवक्ता को प्रतिवादी बनाया जा सकता है. मराठा आरक्षण पर न्यायालय ने महाधिवक्ता को नोटिस जारी किया है. फिलहाल इस पर शपथ पत्र दाखिल करने के लिए जनवरी तक का समय है. ऐसी परिस्थिति में महाधिवक्ता की नियुक्ति नहीं होने से अब सरकार के सामने समस्या खड़ी हो गई है कि इस मामले में किसकी सलाह ली जाय?