नागपुर: आस्था के प्रतीक धार्मिक संस्थानों में महाप्रसाद का दौर चलता रहता है. त्योहारों के दौरान महाप्रसाद का सिलसिला बढ़ सा जाता है. इस दौरान विषबाधा जैसी कोई अप्रिय घटनाएं ना हो. इस उद्देश्य को लेकर राज्य का अन्न व औषधि प्रशासन विभाग राज्यभर में जिलास्तरीय विभागों को अपने कार्यक्षेत्र के तहत आनेवाले प्रमुख धार्मिक संस्थानों से जुड़े प्रतिनिधियों तथा संस्थान परिसर में प्रसाद बेचने वालाें को प्रशिक्षण देने का निर्देश जारी किया गया है.
इसके अनुसार 1 सितंबर से 30 सितंबर तक महीने भर की कालावधि के दौरान अन्न व औषधि विभाग के पदाधिकारी महाप्रसाद बनाने से लेकर वितरण तक की प्रक्रिया में बरती जानेवीली सावधानियों का प्रसार प्रचार करेंगे. इससे संबंधित प्रशिक्षण व मार्गदर्शन देंगे. प्रसाद बेचने वालों को प्रशिक्षण मंदिर व धार्मिक संस्थानों के समीप बड़ी संख्या में प्रसाद बेचने वाले रहते हैं. प्रसाद के रूप में चढ़ाए जाने वाले पैकेट में निर्माण व एक्सपाइरी की तिथि नहीं होती.
आस्था का प्रतीक होने से इस ओर कोई भी ध्यान नहीं देता और ना ही शिकायत करता है. लेकिन ज्यादा पुराने पैकेट होने से कभी कोई अनहोनी हो सकती है. इस बात की जानकारी दुकानदारों को होनी चाहिए. इसलिए मुनाफे के चक्कर में ज्यादा दिन पुराने पैकेट को ना बेचे. दुकानदारों की सामग्री की जांच करते हुए उन्हें जानकारियों से अवगत कराया जाएगा.
इस बारे में अन्न व औषधि के सहायक आयुक्त शशिकांत केकरे ने जानकारी देते हुए बताया कि महाप्रसाद आयोजन के दौरान कई सावधानियां बरतने को लेकर भी प्रशिक्षण दिया जाना है. महाप्रसाद बनाए जाने वाली जगह साफ-सुथरी हो, प्रसाद बनाने की सामग्री परिचित दुकान से ही खरीदें, बावर्ची को प्रसाद बनाने के दौरान एप्रोन व टोपी का प्रयोग करना चाहिए.
प्रसाद बनने के बाद उसे ढांककर साफ जगह पर रखें तथा भक्तों की तादाद को देखते हुए ही प्रसाद बनाया जाए, ताकि प्रसाद बचे नहीं जैसी कई सावधानियां बरतने की हिदायत से संबंधित प्रशिक्षण अन्न व औषधि प्रशासन द्वारा दिया जाएगा. प्रशासन ने पूरी कर ली तैयारी नागपुर विभाग के अंतर्गत नागपुर, वर्धा, भंडारा, गोंदिया, गढ़चिरोली जैसे जिलों का समावेश है. इसके तहत आने वाले प्रमुख मंदिर व धार्मिक संस्थानों को सूचित किया गया है. तारिख व स्थान तय होने के बाद सभी पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा.