Published On : Sat, Feb 3rd, 2018

एफडीसीएम को अंततः मिली मनपा अधीनस्त गोरेवाड़ा की बेशकीमती जमीन

Gorewada, Nagpur (2)
नागपुर: गोरेवाड़ा तालाब से लगी मनपा प्रशासन ने एफडीसीएम के ९९ करोड़ की ‘नॉन फारेस्ट’ वाली बंजर जमीन के एवज में ३२१ करोड़ की उन्नत व प्रदूषणमुक्त, निसर्गमय जमीन सत्ताधारी सफेदपोशों को खुश करने के लिए अंततः एफडीसीएम को दान में दे दी.वह भी उक्त पहल के कट्टर विरोधक भाजपा नगरसेवक जगदीश ग्वालवंशी व कांग्रेस के नगरसेवक हरीश ग्वालवंशी के सुझाव को सम्मिलित करते हुए आज आमसभा में अंतिम मंजूरी प्रदान कर दी गई.

ज्ञात हो कि गोरेवाड़ा जंगल के मध्य ‘डैम’ व आसपास की जमीन अंग्रेजों ने नागपुर शहर के अधीन किया था. फिर ८० से ९० के दशक के दरम्यान जब गठबंधन सरकार थी, इसे वन विभाग के अधीन कर दिया गया था. इस सूरत में भी तालाब व आसपास के इलाकों पर कब्ज़ा मनपा के जलप्रदाय विभाग के पास ही है.

राज्य का मुख्यमंत्री कार्यालय के दिशा निर्देश पर गोरेवाड़ा संरक्षित जंगल के आसपास मनोरंजन सह रहने आदि की व्यवस्था के लिए देश-विदेश के कई सम्बंधित कंपनियों को मुआयना करवाया गया लेकिन बात नहीं बनी. आखिर-आखिर में मुंबई के एक चर्चित कंपनी के प्रतिनिधियों का दौरा हुआ.उन्हें पहले मौजा गोरेवाड़ा स्थित एफडीसीएम की खसरा क्रमांक २/१,२/२,२/३ अंतर्गत जमीन का मुआयना करवाया गया. उन्होंने इस बंजर जमीन पर करोडों खर्च कर उद्योग खड़ा करने मामले में हाथ खड़ा कर दिया,जिसकी बाजार भाव ९९,७२,३०,००० आंकी गई हैं.फिर उन्हें खसरा क्रमांक १०६(भाग),११३(भाग),११८,११९,१२०, १२१,१२२ अंतर्गत मनपा अधीनस्त गोरेवाड़ा तालाब से लगी प्रदूषणमुक्त, निसर्गमय वातावरण से लबरेज शहर के एकदम समीप इस सर्वगुण संपन्न परिसर का भी दर्शन करवाया गया.

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इसका बाजार भाव ३२१,६८,०५,००० है. इस परिसर को देख उक्त समूह ( मनपा और शहर में इस समूह के २ उपक्रम शुरू हैं ) के प्रतिनिधियों ने मुआयना करवाने वालों को साफ़-साफ़ शब्दों में संकेत दिया कि यह जगह उपलब्ध करवा सकते हैं तो हम यहां प्रकल्प लगाने में इच्छुक हैं. इसके बाद जब जमीन के मालिकाना हक़ मामले में तह में गए तो उन्हें पता चला कि यह जमीन की ७/१२ पर मनपा का नाम अंकित है. इसके लिए मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश पर मनपा प्रशासन एफडीसीएम को जमीन हस्तांतरित करने की प्रक्रिया शुरू की. जिसका कानूनन प्रक्रिया मनपा प्रशासन की कुछ चिन्हित त्रुटि के कारण थमा हुआ है. पिछले आमसभा में विषय आया भी था लेकिन मनपायुक्त की अनुपस्थिति की वजह से विषय का पुकारा नहीं हो पाया.इसलिए आगामी २० जनवरी २०१८ को होने वाली आमसभा में पुनः मंजूरी हेतु विषय पत्रिका में रखा गया है. क्योंकि यह विषय त्रुटि सुधार के लिए पुनः आमसभा में लाई गई है. इसलिए इस विषय पर ज्यादा चर्चा करने के पहले तय रणनीति के तहत मंजूरी देकर एफडीसीएम का मार्ग प्रसस्त कर दी.

आज की सभा में भाजपा नगरसेवक जगदीश ग्वालवंशी,विपक्ष नेता तानाजी वनवे,कांग्रेस नगरसेवक हरीश ग्वालवंशी और बसपा नेता मो. जमाल ने प्रकल्प का समर्थन करते हुए मनपा हित में कुछ सकारात्मक सुझाव दिए.लेकिन पक्ष नेता संदीप जोशी ने उक्त दोनों ग्वालवंशी के सूचना को प्रस्ताव में अंकित कर मंजूरी प्रदान करने की सिफारिश महापौर से की,जिसे महापौर ने स्वीकृति देकर उक्त विषय को मंजूरी प्रदान करने की घोषणा की.

उल्लेखनीय यह हैं कि उक्त जमीन पर व्यवसायिक उपयोग के लिए जमीन का उपयोगिता बदलने के लिए शहरी विकास मंत्रालय को निवेदन किया जा चूका हैं.याने जिन्हे प्रकल्प के लिए दी जाएंगी वह उक्त जमीन को गिरवी रख प्रकल्प के लिए मनमाफिक निधि प्राप्त कर सकता हैं। यह भी सत्य हैं कि इसमें स्थानीय कुछ सफेदपोश निवेश कर सकते हैं.

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