नागपुर: कुछ लोग विकास के प्रवाह से वंचित समाज के लिए अपना जीवन समर्पित करते हैं, व्यक्तिगत उन्नति के अवसरों से मुंह मोड़ लेते हैं। वरिष्ठ समाजसेवी भीकूजी उर्फ दादा इदते उनमें से एक हैं। इस कार्य के लिए भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया। इस अवसर पर राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के खेल एवं शारीरिक शिक्षा विभाग तथा भारतीय खेल प्राधिकरण के खेलो इंडिया ट्रेनिंग सेंटर द्वारा सोमवार, 17 अप्रैल, 2023 को दादा इदाते के सम्मान में व्यवसाय प्रबंधन विभाग में सुबह 11 बजे कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह सभागार, विश्वविद्यालय खेल परिसर, अमरावती रोड पर स्थित है।
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के प्रो चांसलर डॉ. संजय दुधे करेंगे। मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व खा पद्मश्री डॉ. विकास महात्मे और विशिष्ट अतिथि के रूप में रातुम नागपुर विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्य वामनराव तुर्के उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा रातुम नागपुर विश्वविद्यालय के खेल एवं शारीरिक शिक्षा बोर्ड के सदस्य डॉ. धनंजय वरदुकर भी मौजूद रहेंगे।
दादा इदते का जन्म 2 जून 1949 को तेतवली, तालुका दापोली, जिला रत्नागिरी में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा बीएससी, बीएड डी.फॉर्म तक की। उन्होंने देश भर में फैले बेघरों और स्वतंत्र लोगों के लिए एक राष्ट्रीय आयोग स्थापित करने का प्रयास किया। नागपुर विश्वविद्यालय के खेल एवं शारीरिक शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष में यह पहल की है कि सामाजिक रूप से भटक रहे स्कूली और स्कूली बच्चों को खेल के माध्यम से विकसित किया जाए और इन बच्चों को खेल के माध्यम से असमानता के अंधेरे को दूर किया जाए। समाज की मुख्यधारा में लाया जाए। दादा इदाते की अवधारणा के अनुसार यह गतिविधि वर्तमान में विश्वविद्यालय के खेल विभाग द्वारा संचालित की जा रही है। इसमें नागपुर, भंडारा, गोंदिया, वर्धा जिले के 800 में से 100 बच्चों को एथलेटिक्स, फुटबॉल, बैडमिंटन, जिम्नास्टिक, हैंडबॉल, बास्केटबॉल, शतरंज, कराटे, टेबल टेनिस के प्रशिक्षण के लिए चुना गया है।
दादा इदाते को भारत सरकार ने डॉ. बाबासाहब अंबेडकर की 125वीं जयंती को भाईचारे और सद्भावना दिवस के रूप में मनाने के लिए समिति के सदस्य के रूप में चुना था। वे भारत सरकार द्वारा नियुक्त केंद्रीय विमुक्त घुमंतू एवं अर्द्धघुमंतू जनजाति कल्याण एवं विकास बोर्ड के अध्यक्ष थे। इसके अलावा उन्होंने विभिन्न समितियों में सक्रिय रूप से काम किया है। उन्होंने खानाबदोशों की समस्या और समाधान सहित कुल नौ पुस्तकें प्रकाशित की हैं। इसके अलावा उनके विभिन्न लेख भी प्रकाशित हुए हैं।
मधुकरराव देवल सामाजिक पुरस्कार उन्हें पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा प्रदान किया गया था। इसके अलावा उन्हें स्वामी विवेकानंद सेवा सम्मान, डॉ. बाबासाहब अंबेडकर प्रबोधन पुरस्कार, राष्ट्रीय सम्मान पुरस्कार, नई दिल्ली, भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, राष्ट्रीय सम्मान पुरस्कार, अटल समाज भूषण पुरस्कार जैसे कुल 19 पुरस्कार मिल चुके हैं। खेल एवं शारीरिक शिक्षा विभाग के खेल निदेशक डॉ. शरद सूर्यवंशी ने सभी खेल प्रेमियों से अधिक से अधिक संख्या में कार्यक्रम में भाग लेने की अपील की है।