– मचा भारी हडकम्प
कोराडी – महानिर्मिती पावर प्लांटों परिक्षेत्र की घनी कंटेरी झाड़ियों में खुंखार और आदमखोर समझे जाने वाले जंगली जानवरों के आगमन से भारी हडकम्प मचा हुआ है।विगत सप्ताहों से कोराडी पावर प्लांट के पुराने एशडैम से सटकर हरी भरी कंटेरी झाडियों में अपने शिकार केलिए विचरण कर रहे खुंखार तेंदुए तथा धारीदार लकडबग्घा को देखकर सुरक्षा गार्डों के होस उड गए मानों रात के समय मौत घूम रही हो। उन्होंने तुरंत महानिर्मिती के वरिष्ठ सुरक्षा व्यवस्था कार्यालय को अपने मोबाइल फोन पर सूचना दी। गत रविवार 21अगस्त तथा 23 अगस्त को पावर प्लांट के सीसीटीवी फुटेज में कैमरामैन यश भालेराव ने कैमरे मे कैद किया है।इस परिसर से 24 घन्टे विधुत कर्मियों का आना जाना शुरु रहता है। जिसे लेकर खुंखार तेंदुए के भय से उनका दिल धडकता और घबराहट महसूस हो रही हैं।
ज्ञातव्य है कि विगत सन 1996 मे भी इस परिसर में दुर्गा भवानी माता का वाहन शेर (टाइगर) का आगमन हुआ था। तब उसे पकड़ने के लिए पुलिस और वन रक्षकों को काफी मशक्कत झेलनी पडी थी। वन विभाग के सतर्कता अधिकारी पिंजरा,फांदा और बेहोशी की बुलेट से सुसज्जित बन्दूकें लेकर घनी कटेरी झाडियों की घेराबंदी शुरु कर दिया गया था। परंतु शेर उनके हाथ नहीं लगा और नाले के किनारे होते हुए वह व्हाया गोमती नाला से कोलार नंदी की झाडियों में छिप गया।वन्य प्राणी विभाग के सतर्कता विशेषज्ञों की माने तो गर्भवती मांदा तेंदुआ और गर्भवती शेरनी जंगल पहाडों को छोडकर ग्रामीण क्षेत्रों की नदी नालों के किनारे स्थित झाडियों मे आश्रय ले लेते हैं। जहां उन्हें आसानी से शियार लोमडी,कुत्ते तथा बकरियों का शिकार मिल जाता है।
नागरिकों की माने तो कोराडी पावर प्लांट का राख बंधारा किनारे स्थित जंगल-झाडियों मे तेंदुआ के आगमन से आजू बाजू के गांवों में पालतू कुत्तों की संख्या वृद्धी के वजाय मे 80 % कमी दर्ज की गई है। उसी प्रकार शियार लोमडी जंगली सुंअरों ने भी इस परिसर से ग़ायब हैं। पावर प्लांट के एशबंड परिसर से समीपस्थ ग्राम सुरादेवी,कवठा, खसाला,मसाला वासी किसानों की माने तो खुंखार तेंदुए का आगमन और सुंअरों के झुंड नदारद है परिणामतः उनकी कृषि फसल एवं फलोत्पादन के संभावित नुकसान से निजात मिल जाएगी। इसके अलावा बन्दरों की संख्या में भी कमी आई है।
वन विभाग के अनुसार तेंदुआ प्रजाति का जानवर बडा ही निर्दयी,कपटी, धोखेबाज, क्रोधी और गुस्सैल होता है उसे भूख बर्दाश्त नहीं होती ? वह शिकार नहीं मिलने पर वह अपने बच्चों को मारकर अपनी भूख मिटा सकता है ?
इसलिए वह अपने शिकार को धोखे से पलटवार कर घात पंहुचाने में कामयाब हो जाता है। तेंदुआ प्रजाति के खुंखार जानवर के आगमन से विधुत कर्मियों में हडकंप मचा हुआ है। तत्संबंध में आल इंडियासोसल आर्गेनाइजेशन ने महानिर्मिती प्रशासन से मांग की है कि यहाँ बन्देक धारी सुरक्षा रक्षक पहरेदारों को तैनात किया जाए। ताकि जनता-जनार्दन की संभावित जानमाल से निजात दिलाया जा सके ?