Published On : Tue, Jul 26th, 2022
By Nagpur Today Nagpur News

एसईसीएल के खदान में अग्निकांड का टला हादसा

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– डोजर निकला धुंआ, ऑपरेटर जान बचाकर भागा

नागपुर – साऊथ ईस्टर्न कोल फिल्डस लिमिटेड की गेवरा खदान में दूसरी पाली में रात करीब 9 बजे हुई घटना, करोड़ों का नुकसान एसईसीएल की कोयला खदानों में दुर्घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही है। अब दीपका खदान में देर रात उत्पादन कार्य में लगा एक डोजर जल गया। घटना की सूचना मिलने पर प्रबंधन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। फायर टैंकर से आग पर काबू पाया, लेकिन इसके बाद भी डोजर का अधिकांश हिस्सा जल गया। इस घटना में एसईसीएल को करोड़ों का नुकसान का अंदेशा है। एसईसीएल की दीपका कोयला खदान में शुक्रवार की रात दूसरे शिफ्ट में करीब 9 बजे यह घटना हुई।

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डोजर नंबर 676 खदान में उत्पादन कार्य पर लगाया था। इसे विजय नगर निवासी सत्यनारायण कंवर चला रहा था। इस दौरान रात में अचानक डोजर के कैबिन के पास से धुंआ निकलने लगा। डोजर में खराबी की आशंका पर ऑपरेटर सत्यनारायण तुरंत नीचे उतरा और वह फाल्ट जानने की कोशिश करने लगा कि तभी डोजर आग की लपटों से घिर गया। इसकी जानकारी होने पर कर्मियों ने अफसरों को घटना की सूचना दी। इसके बाद डोजर में लगी आग बुझाने दमकल को बुलाया।

सूचना मिलने पर पहुंचे दमकल कर्मियों ने आधे घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन इसके बाद भी डोजर का काफी हिस्सा जल गया। घटना का कारण शाॅर्ट-सर्किट बताया जा रहा है, लेकिन जांच के बाद ही आग लगने के वास्तविक कारणों का पता चलेगा। डोजर की कीमत करीब 9 करोड़ रुपए है। इस घटना की सूचना डीजीएमएस को भी दी गई है। दीपका प्रबंधन का कहना है कि घटना के कारणों की जांच की जा रही है।

पास ही थी ब्रेकडाउन मशीन,बाल-बाल बची
डोजर में आग लगने की घटना रात को दीपका खदान के 14 नंबर डंपिंग में डोजर में आग लगने की घटना हुई, जहां डोजर में आग लगी, वहां पास ही पहले से एक ब्रेक डाउन डोजर मशीन खड़ी थी, लेकिन दमकल कर्मियों की तत्परता से आग पर काबू पाया गया। इससे यह मशीन आग की लपेट में आने से बच गई।

मेंटनेंस में लापरवाही के चलते हुई घटना
एसईसीएल की कोयला खदानों में उत्पादन कार्य के लिए बड़ी संख्या में डोजर और अन्य मशीन लगाई गई है। इनकी नियमित रूप से रखरखाव और मेंटनेंस की जिम्मेदारी प्रबंधन की है, लेकिन मेंटनेंस में लापरवाही से इस तरह की घटनाएं खदानों में हो रही है। पहले भी कोयला खदानों में डंपर और अन्य मशीनों में आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं.

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