नागपुर: 2 करोड़ वृक्षारोपण की अपील जब सरकार ने जनता से की तो सभी तरफ से हाथ बढ़ने लगे। दो करोड़ क्या उस से भी अधिक पेड़ जुलाई माह में लगा दिए गए। लेकिन असल परीक्षा उसके बाद बाकी थे। वन विभाग को लगाए गए पेड़ों की जो सर्वाइवल (जिंदा रहनेवाली) रिपोर्ट तैयार करनी थी वह अब तक तैयार नहीं हुई है।
वृक्षारोपण महोत्सव के दौरान लगाए गए पेड़ों की सर्वाइवल रिपोर्ट हर तीन महीने में तैयार की जाती है। इसमें कितने पेड़ पनप पाने कामयाब रहे इसकी गणना होती है। लेकिन अब तक यह रिपोर्ट वन विभाग तैयार करने में नाकाम रहा है। जनवरी माह में दूसरी त्रैमासिक रिपोर्ट वन विभाग की तैयार शुरू करने की तैयारी करनी है। लेकिन तकनीकी अड़चनें फील्ड स्तर पर इतनी पेश आ रही हैं कि पहली रिपोर्ट ही अब तक नहीं तैयार हो पाई है।
वन विभाग के सांख्यकीय विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार फील्ड में किए वृक्षारोपण की जियो स्टेटिकल जानकारियां वन रक्षक स्तर के कर्मचारियों द्वारा ठीक से नहीं की गई थी। पहले मोबाइल के जरिए जो रिपोर्ट वन विभाग को भेजी गई थी वह तकनीकी खामियों के कारण गलत साबित हुई। अब वन विभाग गलतियों को सुधारने में लगा हुआ है। नए ढंग से कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
रिपोर्ट गलत अपलोड करने से नए सिरे से सर्वाइवल रिपोर्ट के आंकड़े जुटाकर उसका आंकलन करना पड़ रहा है। ऑन लाईन होते जमाने में काम जल्दी और सटीक होने की उम्मीद सभी लगा रहे हैं। लेकिन तकनीकी रूप से प्रशिक्षण की कमी अभियान का नइया बैठाते दिखाई दे रहे हैं।