नागपुर: लोगों की सहूलियत, शिकायतों और समस्याओं को दूर करने के मकसद से वन विभाग ने 1926 क्रमांक के ‘हैलो फॉरेस्ट’ नाम से कॉल सेंटर की शुरुआत की। 5 जनवरी को रतन टाटा के हाथों वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार की मौजूदगी में इस कॉल सेंटर का उद्घाटन किया गया। कॉल सेंटर शुरू होते ही कॉल करनेवालों का तांता लग गया। 24 घंटे-7 दिन के हिसाब से चलने वाले इस कॉल सेंटर में लगातार कॉल वेटिंग की समस्याएं सामने आ रही हैं। बताया जाता है कि तीसरे दिन से ही यह शिकायत मिलने लगी थी।
खुद वन विभाग के अधिकारियों के फोन भी कई प्रयास के बाद ही लग रहे हैं। इस संबंध में वन विभाग के सांख्यकीय शाखा से संपर्क करने पर बताया गया कि तीन शिफ्टवाले कॉल सेंटर के हर शिफ्ट में 3 कॉल रिसीव करनेवाले कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है। लेकिन लगातार कॉल वेटिंग की बढ़ती समस्या को देखते हुए वन विभाग अब कॉल रिसीव करनेवाले कर्मचारियों की संख्या हर शिफ्ट में 3 से बढ़ाकर 9 करने की तैयारी में है। बता दें कि कॉल सेंटर पूरे राज्य भर के लिए शुरू किया गया है।
कॉल सेंटर का मुख्यालय भले ही मुम्बई के गोरेगांव में बनाया गया हो लेकिन अधिकारिक नियंत्रण नागपुर स्थित वन विभाग मुख्यालय से ही किया जाता है। वन्यप्रणियों के मानवी क्षेत्र में दिखाई देने, उनके मुसीबत में फंसे होने, जंगल में आग लगने, राजस्व आदि कई समस्याओं के मार्गदर्शन के लिए कॉल सेंटर एक बड़े सहायता केंद्र के रूप में उभरता दिख रहा है। इससे वन विभाग ने आम लोगों को खुद से जुड़ने का नया रास्ता खोल दिया है।