सागवान पेड़ का लायसेंस प्रलंबित
उमरखेड (यवतमाल)। तालुका के टेभुरदंरा के किसान के मालकाना खेत के सागवान पेड़ तोड़ने के लिए वनविभाग के उपवनरक्षक अधिकारियों ने स्थल का निरिक्षण न करते हुए और वन विभाग की खाकी वर्दी दिखाकर लायसेंस फाइल गत दो वर्षो से मंजुर नहीं करने से सम्पूर्ण परिवार कि उपजीविका खेती पर ही निर्भर है. किसान भी अताश हुआ है. उस पर भुखो मरने की नौबत आ पड़ी है. जिला मुख्य वनरक्षक अधिकारी ने सागवान पेड़ों की कटाई प्रकरण में ध्यान देकर मांगा हुआ लायसेंस जल्द से जल्द देने की मांग किसान गणपत राठोड ने की है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार टेभुरदंरा के किसान गणपत राठोड अपने छोटे से परिवार सहित खेती करता है. मालकाना खेत में सागवान पेड़ बड़े होने से किसान को खेती करने में समस्या पैदा हो रही थी. किसान पर सोसायटी और बैंक तथा निजी साहूकारों का कर्जा बढ़ा था. एक तरफ खेत में उत्पन्न का कोई साधन नही है और दूसरी ओर मालकाना खेत जमीन के सागवान पेड़ तोड़ने के लिए दो वर्षो से वनविभाग अधिकारी लायसेंस नही दे रहे. जिससे किसान पर आर्थिक समस्या निर्माण हुई.
गणपत ने सागवन पेड़ तोड़ने के लिए सन 12-13 में जरुरी कागजात वनविभाग महागांव के माध्यम से लायसेंस मांगा. खेत का निरिक्षण करके पेड़ो पर क्रमांक दिया गया. गणपत एक छोटा किसान है. खेत में हल चलाने के लिए बैलजोड़ी उधारी पर ली. वो पैसे भी वापस दे नही पाया. इन सबको ध्यान में देखकर उसके पत्नी की मौत हुयी ऐसा गणपत ने ज्ञापन में कहां. वनविभाग ने लंबित किया लाइसेंस तुरंत दे ऐसी मांग किसान राठोड की है.
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