नागपुर: विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण पाटिल ने कहा कि नोटबंदी के माध्यम से जमा हुए कालेधन से सरकार ने किसानों का कर्ज माफ कर देना चाहिए. 2 वर्षे का कार्यकाल पूरा होने के बाद भी सरकार के काम में परिपक्वता दिखाई नहीं देती. यह सरकार वास्तिविक स्थित से परे हो कर केवल प्रसार पर अधिक जोर दे रही है़ शीतसत्र निमित्त आयोजित पत्रपरिषद में विखे पाटिल ने बताया कि किसानों का कर्ज माफ करने की मांग की सरकार ने जलयुक्त शिवार का फंडा दिया़ बेरोजगारों के लिए नौकरी मांगी सरकार ने मेक इन महाराष्ट्र का नारा दिया़ महंगाई रोकने की मांग की सरकार ने साप्ताहिक बाजार की बात कही़ कानून और व्यवस्था की बिगड़ी स्थिति का मुद्दा उठाया तो सरकार ने अंतर्गत सुरक्षा का फार्मुला दिया़ मंत्रियों के भ्रष्टाचार के सबूत दिए तो सरकार ने मंत्रियों को क्लीन चीट दे दी.
कालाधन रोकने में असफल केंद्र सरकार ने नोटबंदी कर दी़ कालाधन और भ्रष्टाचार रोकने के लिए हमारा पूरा समर्थन है, लेकिन सरकार के निर्णय का असर भ्रष्ट लोगों पर होने के बजाय सामान्य नागरिकों पर हो रहा है़ सत्ता में बैठे लोग जब विपक्ष में थे तो किसानों की आत्महत्या के लिए आघाड़ी सरकार पर हत्या का मामला दर्ज करने की मांग करते थे. अब नोटबंदी की वजह से अनेक लोगों की मौत हो गई इसके लिए किस पर हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए.
नोटबंदी का प्रकार ‘गैरों पे करम, अपनों पे सितम’ जैसा हो गया है. ‘कॅशलेस सोसायटी’ के नाम पर सरकार ने देश की ‘मनीलेस’ जनता को अधिक संकट में डाल दिया है़ रोज कमाओ, रोज खाओं वाले लोगों पर भुखमरी की नौबत आ गई है. मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल की पहली बैठक में धनगर समाज को आरक्षण देने की घोषणा की थी़ आज तक मंत्रिमंडल की १०० से अधिक बैठकें हो चुकी हैं, मगर सरकार ने अपना आश्वासन नहीं पाला है़ मुस्लीम समाज के शैक्षणिक आरक्षण को न्यायालय की मंजूरी के बाद भी सरकार ने उस पर अमल नहीं किया़ मराठा आरक्षण के बारे में तो सरकार अंग्रेजों की फूट डालो वाली नीति अपनाई है़ कुपोषण और बाल मृत्यू की समस्या पर सरकार ने असंवेदनशीलता का ही परिचय दिया है़ पत्रपरिषद में विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे, शेकाप के जयंत पाटिल, पिरिपा के प्रा. जोगेंद्र कवाडे, शरद रणपिसे, विजय वडेट्टीवार, हेमंत टकले, प्रकाश गजभिये, ईश्वर बालबुधे उपस्थित थे़