Published On : Mon, Aug 1st, 2016

सुप्रीम कोर्ट ने पलटा यूपी सरकार का फैसला, पूर्व मुख्यमंत्रियों को खाली करना पड़ेगा बंगला

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Supreme Court
नई दिल्ली/नागपुर:
यूपी में पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिले सरकारी आवास पर जीवनभर नहीं रह सकते. दो महीने के भीतर घर खाली करना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पूर्व मुख्यमंत्री आवास नियमावली 1997 को खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा की ये नियमावली संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करती है.

लखनऊ में पूर्व मुख्यमंत्रियों को भारी भरकम आवास आवंटित करने के सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. साल 2004 में लोकप्रहरी नाम की एक संस्था ने जनहित याचिका डालकर पूर्व मुख्यमंत्रियों और एनजीओ/संस्थाओं को करोड़ों रुपये कीमत के आवास आवंटित करने के सरकारी निर्णय को चुनौती दी थी.

साल 2014 में पूरी हुई थी सुनवाई
साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी की और आदेश सुरक्षित रख लिया था. अब सुप्रीम कोर्ट 2016 में अपना फैसला सुनाया है. जिन पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास मिले हैं उनमें राजनाथ सिंह, कल्याण सिंह, एनडी तिवारी, मुलायम सिंह यादव, मायावती, राम नरेश यादव पूर्व मुख्यमंत्री शामिल हैं.

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याचिका के मुताबिक इनमें से बहुत के पास दूसरे सरकारी बंगलें हैं फिर भी लखनऊ में इन्हें बंगला दिया गया है जिसमें इनके परिवार के लोग रहते हैं.

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