Published On : Fri, Apr 30th, 2021

कोरोना में कितना कठिन है मरीज की मौत की खबर परिजनो को देना

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डॉक्टरों ने कही ‘ नागपुर टुडे ‘ से ‘ मन की बात ‘


नागपुर– नागपुर शहर में कोविड -19 का संक्रमण बढ़ गया है. रोजाना कई कोरोना संक्रमितों की मौतें हो रही है. इस कठिन परिस्थिति में सबसे कठिन समय वो होता है, जिस समय किसी मरीज की मौत का समाचार उसके परिजनों को देना पड़ता है या उन्हें जानकारी देनी पड़ती है. यह डॉक्टरों और स्टाफ मेम्बरो के लिए कठिन है, यह वे ही जानते है की उन्हें इस दौरान कैसा अहसास होता है.

नागपुर टुडे ‘ ने शहर के कुछ डॉक्टर्स से बात की, जिन्हें कोरोना के बाद से कोरोना वारियर के नाम से जाना जाता है. कोरोना में मरीजो का इलाज करनेवाले कुछ डॉक्टर्स से बात की गई कि वे ऐसे समय में जब किसी की मौत हो जाए तो मृतक के परिजनों को कैसे जानकारी देते है. इनका कहना है की ऐसी जानकारी देना काफी तकलीफदायक और कठिन है, लेकिन फिर भी हमें उन्हें जानकारी देनी पड़ती है. डॉक्टर्स का कहना था परिजनों के रोने की आवाजों ने भी कई बार उनके मस्तिष्क झकझोर दिया है.

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मरीजों की मौत के बाद उसके परिजनों को मौत की खबर देना काफी पीड़ादायक : डॉ. आवेज़ हसन

ऑरेंज सिटी हॉस्पिटल के डॉ. आवेज़ हसन ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले 17 वर्षों से वे क्रिटिकल केयर में काम कर रहे है, लेकिन उन्होंने आज जैसा परिदृश्य कभी नहीं देखा है. मरीज की तबीयत कब बिगड़ जाएगी, कह नहीं सकते. उन्होंने कहा की फिलहाल जो हालात है वो काफी अलग है. कुछ देर पहले आप कोविड मरीजों से बात कर रहे हैं और उन्हें आश्वासन दे रहे हैं कि आप जल्द ही ठीक हो जाएंगे. लेकिन अगले ही पल आप उनको अपनी आखों के सामने मरते हुए देखते है. यह हमारी मानसिकता पर भारी असर डालता है, परिजनों को स्थिति को समझाने में भी काफी मुश्किल होती है.

डॉ. हसन ने आगे कहा की मरीज की मौत के बात यह बात ख़त्म नहीं होती है. इसके बाद मरीज के परिजनो के साथ पेपरवर्क का काम होता है और उसके बाद मृतक के परिजनों को बताने में भी काफी अड़चन होती है की कोविड-प्रोटोकॉल के कारण आप अपने मरीज को घर लेकर नहीं जा सकते.

डॉक्टरों पर आरोप से होती है पीड़ा : डॉ.कुशाल नारनवरे

ऑरेंज सिटी हॉस्पिटल के डॉ.कुशाल नारनवरे के लिए कोविड-19 काफी दुखदायक रहा. उन्होंने कुछ दिन पहले ही अपनी डॉक्टर पत्नी को कोविड-19 के कारण खो दिया. उन्होंने मरीज की मौत के बाद परिजनों द्वारा डॉक्टरों पर निराधार आरोपो पर भी नाराजगी जताई. उन्होंने कोरोना की चल रही दूसरी लहर को लेकर नागरिकों को सावधान भी किया है.

डॉ.कुशाल नारनवरे ने कहा कि मैं इस महामारी के बाद से कोविड -19 के खिलाफ इस लड़ाई में सबसे आगे था. जिसके बाद मैं सावधानी भी बरतता था. लेकिन कुछ दिनों पहले मेरी पत्नी की कोरोना के कारण मौत हो गई. इसके बाद मेरे रिश्तेदारों ने भी मुझपर गंभीर आरोप लगाए.

डॉ. नारनवरे ने कहा कि कोरोनवायरस की दूसरी लहर जो हमने पहले देखी थी, उससे कहीं अधिक गंभीर है. डॉ. नारनवारे ने नागरिकों को चेतावनी देते हुए कहा कि जिनमें कोई लक्षण नहीं है , ऐसे लोग भी गंभीर रूप से बीमार हो सकते है. ऐसे में सावधान रहे.

ऑक्सीजन, वेंटिलेटर की कमी से अगर किसी मरीज की जान जाती है तो काफी बुरा लगता है : डॉ. सौरभ मेश्राम

मेडीकल हॉस्पिटल के डॉ. सौरभ मेश्राम ने जानकारी देते हुए बताया की यह काफी कठिन समय है. एक प्रोटोकॉल होता है. मरीज की मौत के बाद सीधे उनके परिजनो को जाकर मरीज की मौत की जानकारी नहीं दे सकते. उनको यह बताया जाता है कि मरीज की हालत काफी क्रिटिकल है और उनकी हार्ट बिट काफी बढ़ चुकी है. ऐसे में मरीज के कुछ परिजनो को समझ में आ जाता है कि उनके मरीज की हालत गंभीर है. जो मरीज यंग है, उनके लिए काफी जदोजहद की जाती है. मरीज की मौत की खबर परिजनो के लिए काफी दुखदायी होती है. जब मेडिकल प्रोफेशन की शुरुवात की थी तब मौत की खबर देना काफी खराब लगता था, लेकिन अब इसकी आदत हो गई है. खबर देने पर कई लोग काफी नाराज हो जाते है, गालियां देते है, मारने के लिए भी गुस्सा दिखाते है, लेकिन उस समय हम शांत रहते है और समझते है की उनका गुस्सा वाजिब है. ऑक्सीजन, या वेंटिलेटर समेत कई जरुरी इक्विपमेंट को लेकर अगर किसी मरीज की जान जाती है तो काफी बुरा लगता है. इसके बाद ऐसा भी लगता है और दुसरो पर भी गुस्सा आता है कि आखिर यह लोग इक्विपमेंट हॉस्पिटल में मुहैय्या क्यों नहीं करवाते है.

Shubham Nagdeve

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